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काकोरी कांड के शहीदों को सुभास पार्टी ने दी श्रद्धांजलि

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यूपी – गाजियाबाद सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभास पार्टी) द्वारा काकोरी कांड के शहीदों, शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद रोशन सिंह, शहीद अशफाक उल्लाखाँ, शहीद राजेंद्र सिंह लाहडी जी को उनके शहीदी दिवस पर श्रृद्धांजलि अर्पित की।

19 दिसंबर को सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर 1925 में काकोरी कांड के शहीदों को श्रृद्धांजलि दी गई। श्रृद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए सुभास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा  9 अगस्त 1925 को काकोरी  नामक स्थान पर भारतीय क्रांतिकारी दल हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन ने भारत माता को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों का सरकारी खजाना जो ट्रेन से जा रहा था उस ट्रेन को लूटा, उसे काकोरी कांड का नाम दिया गया। जिसमें बाद मे चारो क्रांतिकारीयों को 17 दिसंबर व 19 दिसंबर को अंग्रेजी सरकार द्वारा फासी दी गई। श्रृदांजलि सभा  को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संयोजक सत्येंद्र यादव ने कहा काकोरी कांड में क्रांतिकारियों को कुल 4601 रुपये प्राप्त हुए इस घटना को काकोरी कांड के नाम से जाना गया। देश के क्रांतिकारियों ने देश को आजाद कराने के लिए हथियारों को खरीदने के लिए इस घटना को अंजाम दिया जबकि इस घटना में किसी भी व्यक्ति की हत्या नहीं हुई थी फिर भी अत्याचारी अंग्रेज सरकार ने भारत माता के लाल शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद ठाकुर रोशन सिंह, शहीद अशफाक उल्लाखाँ, शहीद राजेन्द्र सिंह लाहडी को फांसी की सजा दी। राजेन्द्र सिंह लाहडी को गोंडा जेल में 17 दिसंबर 1927 को व 19 दिसंबर 1927 को अन्य तीन शहीद शहीद रामप्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर में शहीद ठाकुर रोशन सिंह को इलाहाबाद में शहीद अशफाक उल्लाखाँ को फैजाबाद में फांसी दी गई। श्रृद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मनोज कुमार शर्मा होदिया ने कहा भारत माता के चारों लाल देश को आजाद करने के लिए शहीद हो गए, हमारे शहीदों क्रांतिकारियों ने भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान भारत माता की बलिवेदी पर दे दिया जिनकी बदौलत आज हम यह खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। आज उनके शहीदी दिवस पर उन्हें याद करते हुए बस इतना ही कहेंगे भारतवासी सारी जिंदगी अपने शहीदों का क्रांतिकारियों का ऋण नहीं उतार पाएंगे।

इस अवसर पर बिहार प्रदेश प्रभारी अनील सिन्हा ने कहा वास्तव में आज हमें अपने शहीदों क्रांतिकारियों से प्रेरणा लेकर देश के सुधार में लगना चाहिए क्योंकि वर्तमान में ऐसी परिस्थितियाँ बन गई हैं जहां पर केवल और केवल पूंजीवाँद हावी है राष्ट्रवाद देशभक्ति या देश की जनता जिनके लिए हमारे क्रांतिकारी शहीद हो गए उनके लिए कोई विचारधारा आज राजनीतिक लोगों में दिखाई नहीं दे रही है।

इस अवसर पर मुख्य रूप से दीपक वर्मा, सुनील दत्त, श्यामवीर सिंह यादव, दीपक चित्तोड़िया, एडवोकेट सूरजभान , राजेश यादव, राजेन्द्र, जसविंदर सिंह, पवन सक्सेना, आरती शुक्ला, हिना खान, नरेंद्र पांडे, रेखा देवी, सुधा सेन, अनिल दुबे, प्रदीप तिवारी, विवेक राणा, जगदीश गोयल, पन्नालाल प्रसाद, विकास कुमार,आबीद हुसैन, जावेद खान, सन्नी उपस्थित थे।