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22 नवंबर को चातुर्मास समाप्त, बजेंगी शहनाइयां

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जानिए नवंबर से जुलाई तक कुल विवाह मुहूर्त

आचार्य शिवकुमार शर्मा – पांच माह से चला आ रहा चातुर्मास 22 नवंबर को समाप्त जाएगा। 23 नवंबर को देव उठानी एकादशी है इसके पश्चात 15 दिसंबर वैवाहिक मुहूर्त है। इसमें विवाह आदि के अच्छे योग हैं।

देव उठानी एकादशी एक अनबूझ विवाह मुहूर्त है

देवोत्थान एकादशी को भक्तगण तुलसी विवाह का भी आयोजन करते हैं। कुछ लोग इसी अवसर पर अपने एकादशी व्रत का उद्यापन भी करके अपने व्रत का समापन कर देते हैं।
देवोत्थान एकादशी पर ऐसा माना जाता है कि जिनकी शादियां अन्य किसी महीने में अथवा तिथि में ना बन रही हो तो इसमें बिना किसी विद्वान से परामर्श किए बिना भी तथा बिना वैवाहिक मुहूर्त निकलवाए विवाह कर सकते हैं।

23 नवंबर से और 15 दिसंबर तक 10 वैवाहिक मुहूर्त हैं, जो इस प्रकार हैं-
23, 24,27, 28, 29 नवंबर
3, 4, 7 ,8, 9 दिसंबर

उसके पश्चात 15 दिसंबर से मलमास अथवा खर मास आरंभ हो जाएगा। जब सूर्य धनु की संक्रांति में आते हैं। उसे एक मास को अशुद्ध मास माना गया है। इस माह में सभी वैवाहिक कार्य करने अथवा घर का मुहूर्त, गृह प्रवेश करना अशुभ माना जाता है। जब सूर्य पुनः 14 जनवरी को मकर संक्रांति में आएंगे तो वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश गृहारंभ मुहूर्त आदि पुनः आरंभ होंगे।

जनवरी-फरवरी मार्च तक के कुल 20 विवाह मुहूर्त हैं, जो इस प्रकार हैं-
17, 18, 21, 22 , 29 , 30, 31 जनवरी 1, 4, 6, 14 , 17, 18 फरवरी 2 , 3, 4, 5, 6, 7, 8 मार्च 2024
उसके पश्चात 17 मार्च से होलाष्टक लग जाएगा, जो होली तक रहेगा। मीन की संक्रांति में सूर्य आने पर फिर से एक माह तक मलमास लग जाएगा। इसमें भी शादियां आदि शुभ कार्य नहीं हो सकते हैं। अगले वर्ष संवत 2080 में अप्रैल ,मई जून ,जुलाई माह में केवल 14 विवाह मुहूर्त हैं।
18, 20 ,21, 22, 23 25, 26 अप्रैल।
इसके पश्चात 28 अप्रैल से 5 जुलाई तक सवा दो महीने शुक्र अस्त रहेंगे इसमें वैवाहिक कार्य नहीं हो सकते।
इसके पश्चात 9 ,11, 12, 13 ,14, 15, 17 जुलाई। कुल सात विवाह मुहूर्त है।
अर्थात अप्रैल से अक्टूबर तक वैवाहिक मुहूर्त बहुत कम है।
आचार्य शिवकुमार शर्मा ,
आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य, गाजियाबाद