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कम पानी पीने की वजह से एसिडिटी घुटने में कमर में दर्द की शिकायत रहती है : प्रवीण आर्य

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यूपी – वीरवार को अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान के तत्वावधान में कम्पनी बाग घंटाघर में आयोजित विद्यार्थी चरित्र निर्माण योग शिविर के चौथे दिन योग शिक्षिका अलका बाठला ने दीप प्रज्वलित,ओ३म् की ध्वनि व गायत्री मंत्र से सत्र को प्रारंभ किया। उन्होंने सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया और लाभों की चर्चा की, तालिवादन और हास्यासन कराकर शिविरार्थियों में ऊर्जा का संचार कर दिया।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने शिविरार्थियों को पानी, फाइबर के लाभ मात्रा ओर प्राप्ति के स्रोत पर उद्बोधन प्रदान करते हुए बताया कि एक सामान्य व्यक्ति को एक दिन में प्रत्येक 20 किग्रा वजन पर 1 लीटर पानी पीना चाहिए, यानी 40 पर 2 लीटर, 80 किग्रा पर 4 लीटर। पानी प्यास का मोहताज नहीं है यह शरीर को स्वस्थ रखने हेतु आवश्यकता है। कम पानी पीने की वजह से एसिडिटी, घुटने में कमर में दर्द की शिकायत रहती है। पानी शरीर में ट्रांसपोर्ट का कार्य करता है। उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में 60 से 70% पानी है जिसमें 23% हड्डियों के बीच चलता है और सबसे ज्यादा 90% आंखों में है थोडे से दुःख सुख में आंखों से छलक जाता है। फाइबर हमारी नसों को क्लीन करता है यह हमें कच्ची सब्जियों और फलों से प्राप्त होता है। घुलनशील फाइबर और अघुलनशील फाइबर दोनों की हमारी बॉडी को आवश्यकता है, अतः सेब खीरे आदि को छिलकों सहित खाना चाहिए। उन्होंने एक गीत ‘ जिस घर में एक दूजे की बात जाए मानी, उस घर कभी ना आए कोई भी परेशानी’ सुनाकर भावविभोर कर दिया।

विशेष आमंत्रित प्राकृतिक चिकित्सक नरेन्द्र बंसल ने स्वस्थ कैसे रहना है विषय पर बेसिक चर्चा की। संतुलित आहार लेने पर बल दिया।

संस्थान के अध्यक्ष केके अरोड़ा ने  भोजन को चबा चबाकर खाने से रक्त लाल रहेगा, खाने में, भजन में ध्यान में समय देना चाहिए, सलाद को भोजन से एक घंटा पूर्व लेने, मैदा युक्त वस्तुएं छोड़ने और हरी सब्जियां खाने पर बल दिया, खाने से कम से कम आधा घंटा बाद जल लेने से आप स्वस्थ रहेंगे। सप्ताह में एक बार शरीर की भीतर से धुलाई हेतु लिकविड डाइट लें, अच्छी और बुरी आदतों का चार्ट भी बनवाया। छात्रों को लिख लिख कर याद करने, रात्रि को सोने से पूर्व टूथ ब्रश करने की प्रेरणा दी।

योग मर्मज्ञ मनमोहन वोहरा ने शिविरार्थियों को नमस्कार कर खिलखिला कर हंसाया, पद्मासन में बैठाकर पूरक, कुम्भक, रेचक दीर्घश्वसन का अभ्यास कराया। नाड़ीशोधन, भ्रामरी, अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास कराया और बताया कि इड़ा, पिंगला नाड़ी द्वारा दीर्घश्वासन से सुषुम्ना नाड़ी जागृत होती है तथा पांच ज्ञानेंद्रियों की विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर मुख्य रूप से नर्मदा, इन्दु, अशील कुमार, दयानंद बंसल, अजय अग्रवाल मौजूद रहे। वीना वोहरा ने शांति पाठ कराया व प्रसाद वितरण के साथ सत्र को सम्पन्न कराया।