
यूपी – गाजियाबाद 24 मई को कविनगर स्थित के. डी. बी. पब्लिक स्कूल, में STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियंत्रण एवं गणित) शिक्षा पर आधारित एक जिला स्तरीय विचार-विमर्श कार्यशाला (STEM-DLD) का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला 7 घंटे तक चली, जिसमें गाजियाबाद के सर्वश्रेष्ठ कुल 12 स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया। इस प्रकार की यह पहली कार्यशाला थी, जिसने STEM शिक्षा को नई दिशा देने के लिए ठोस संवाद मंच प्रदान किया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यालयों में STEM शिक्षा को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण, सहयोग और नवाचार आधारित शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराना था। कार्यशाला ने शिक्षकों को न केवल अपने अनुभव साझा करने का अवसर दिया, बल्कि उन्हें अन्य विद्यालयों की श्रेष्ठ शिक्षण विधियों को समझने और अपनाने का भी सुअवसर प्रदान किया। प्रशंसा पैनल में गरिमा त्यागी और अभय गोयल की विशेषज्ञता और अनुभव का कार्यशाला ने पूरा लाभ उठाया। इस कार्यशाला में शिक्षकों द्वारा चार प्रमुख विषयों पर केस पेपर प्रस्तुत किए गए, जिनमें शामिल थे – सहायक STEM वातावरण, STEM और समुदाय के साथ जुड़ाव, STEM शिक्षा और सतत अभ्यास, तथा STEM आधारित हाथों-हाथ, व्यावहारिक शिक्षा।

प्रत्येक केस पेपर में प्रतिभागी शिक्षकों ने अपने विद्यालयों में STEM विषयों को पढ़ाने के दौरान अपनाई गई नवाचार शिक्षण रणनीतियों को साझा किया। विचार-विमर्श में यह बात उभर कर आई कि कैसे शिक्षक संसाधनों की सीमित उपलब्धता के बावजूद विद्यार्थियों में वैज्ञानिक जिज्ञासा और तकनीकी कौशल विकसित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, कार्यशाला में सहकर्मी शिक्षण, सह-निर्माण तथा ज्ञान साझा करने जैसी प्रक्रियाओं को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया गया। शिक्षकों ने STEM शिक्षा के प्रारंभिक एवं मध्य स्तर पर अपनाई जा सकने वाली व्यावहारिक गतिविधियों और परियोजनाओं पर भी चर्चा की।

कार्यशाला में मेज़बान विद्यालय के. डी. बी. पब्लिक स्कूल द्वारा तीन नवाचारपूर्ण केस प्रस्तुतियाँ की गई थीं, जिनमें विद्यालय द्वारा STEM शिक्षा को कक्षा में रोचक, व्यावहारिक और सामाजिक रूप से प्रासंगिक बनाने के लिए अपनाई गई अनूठी विधियों को प्रदर्शित किया गया। इन प्रस्तुतियों में बच्चों के साथ स्थानीय समस्याओं को विज्ञान और गणित की दृष्टि से हल करने के प्रयासों को विशेष सराहना मिली।
इस अवसर पर विशेषज्ञों ने भी STEM-DLD कार्यशालाओं के महत्त्व पर प्रकाश डाला और इसे शैक्षिक नवाचार का सशक्त उपकरण बताया। विचार-विमर्श में भाग लेने वाले शिक्षकों ने STEM शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम का हिस्सा न मानकर, बल्कि उसे विद्यार्थियों की सोच, रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल को विकसित करने के एक ज़रूरी साधन के रूप में देखने की आवश्यकता पर बल दिया।
यह कार्यशाला विज्ञान प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच था, जहाँ शिक्षकों ने यह दिखाया कि उनके विद्यालय STEM शिक्षा के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए क्या-क्या अलग और नवाचारपूर्ण प्रयास हो रहे हैं। इस पहल से निश्चित ही गाजियाबाद जिले में STEM शिक्षा को नई दिशा मिलेगी और आने वाले समय में यह अन्य जिलों के लिए भी
प्रेरणास्पद रहेगी ।
कार्यशाला में दो उत्कृष्ट केस पेपर चुने गए: के.डी.बी. पब्लिक स्कूल, से शिक्षिका प्राची द्वारा प्रस्तुत “STEM और समुदाय से जुड़ाव” तथा इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल की श्वेता कक्कड़ द्वारा प्रस्तुत “STEM में प्रयोगात्मक एवं व्यावहारिक शिक्षण”। दोनों केस पेपर STEM शिक्षा में नवाचार और व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
प्रधानाचार्चा निवेदिता राणा ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं समय-समय पर होती रहनी चाहिए जिससे शिक्षकों का जोश और उत्साह बढ़ता रहे इसके साथ उन्होंने गाजियाबाद के सभी प्रधानाचार्यो का हार्दिक आभार अभिव्यक्त किया जिन्होंने अपने शिक्षकों को नवाचार प्रस्तुति के लिए सहयोग दिया।