– रामचरित मानस की प्रासंगिकता पर की संगोष्ठी
– मॉरीशस चैप्टर की अध्यक्षा का किया गर्मजोशी से स्वागत
नई दिल्ली- राजधानी के हैबीबेट सेंटर में इलाहाबाद विश्वविद्यालय एलुमनी एसोसिएशन (अउआ) ने मॉरीशस चैप्टर की अध्यक्षा डॉ. विनोद बाला अरुण के भारत आगमन पर मिलन समारोह का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुराछात्रों ने हिस्सा लिया। डॉ. विनोद बाला अरुण मॉरीशस के रामायण सेंटर की अध्यक्ष भी हैं। लिहाजा कार्यक्रम ‘रामचरित मानस संगोष्ठी’ के रूम में आयोजित हुआ, जिसमें रामचरित मानस के शाश्वत मूल्यों और उनकी आज के जीवन में प्रासंगिकता पर चर्चा हुई।
कार्यक्रम के अउआ के संस्थापक सचिव स्व. नवीन चंद्रा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और संस्था में उनके समर्पण और बहुमूल्य योगदान का स्मरण किया गया। डॉ. विनोद बाला अरुण का अउआ के अध्यक्ष सुरेश के. सिंह, महासचिव डॉ. शिखा दरबारी, आयोजन सचिव राहुल सक्सेना, डॉ. दीपिका सिंह और उज्ज्वल कुमार ने गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यक्रम में रामायण के दार्शनिक और सांस्कृतिक महत्व पर हुई सारगर्भित चर्चा में वक्ताओं ने कहा कि संत तुलसीदास की रामचरित मानस अमूल्य धरोहर है और यह आज के युग में नैतिक मार्गदर्शन की उपयोगिता को रेखांकित करने वाली पुस्तक है। अउआ की महासचिव डॉ. शिखा दरबारी की आगामी पुस्तक ‘राम पार्थिव और शाश्वत-युवाओं के लिए रामचरितमानस की कालातीत प्रेरणा’ का परिचय भी दिया गया।
संगोष्ठी का संचालन दिल्ली की नामचीन कंपनी ‘फ्रेंड्स ऑफ बुक्स’ के सह-संस्थापक मोहित गुप्ता, थे, जबकि वरिष्ठ पत्रकार अजय औदीच्य का आयोजन में खास योगदान रहा। मोहित गुप्ता ने कार्यक्रम में प्रतिभागियों के बीच विचारों का सशक्त आदान-प्रदान सुनिश्चित किया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति की सलाहकार डॉ विजया लक्ष्मी मोहन्ती, प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता उज्जवल सिंह की विशेष उपस्थिति रही।
गौरतलब है कि अउआ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुराछात्रों को एक मंच पर लाने के प्रयास के साथ ही सांस्कृतिक और बौद्धिक आयोजनों के माध्यम से सार्थक संवाद को भी प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।