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पहलगाम, बंगलादेश और मुर्शिदाबाद के हादसे मुस्लिम शरीयत केखिलाफ-इंद्रेश

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मेवाड़ में अखिल भारतीय अभ्यास वर्ग के दूसरे दिन हुआ सार्थक संवाद

यूपी – गाजियाबाद वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इंद्रेश कुमार ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता का शत्रु है और हमें एकजुट होकर इसका सामना करना चाहिए। भारतीय सद्भावना मंच के अखिल भारतीय अभ्यास वर्ग में सामाजिक समरसता और राष्ट्रहित पर हो रहे सार्थक संवाद कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पहलगाम, बंगलादेश और मुर्शिदाबाद में जो हादसे हुए वे इस्लाम की शरीयत में नहीं आते। यह कलंकित और अमानवीय कुकृत्य है। रसूल के पैगाम का उल्लंघन करने वाला है।

उन्होंने साफ कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले आठ सालों में 3 बड़े काम किये। 370 धारा हटी, वक़्फ़ कानून में संशोधन हुआ और तीन तलाक खत्म किया। अब ये तीनों मानवतावादी कानून बनाये गए हैं। लेकिन विपक्षी झूठ बोलकर अवाम को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि वज़न वाली चीजें साथ नहीं जातीं। केवल सत्कर्म ही हमारे साथ जाता है। आदरणीय और दूसरा सम्मानीय-पूजनीय व्यक्ति। सत्कर्म में संलग्न इंसानों का जहान होता है, वह जज बना सकता है, जज पूजनीय नहीं बना सकता। इसलिए ज़रूरत की चीजें कमाएं, लेकिन महत्वकांक्षी न बनें। डॉ. इंद्रेश ने कहा कि 5 मिनट मुस्कुराओ तो फ़ोटो अच्छी आती है लेकिन उम्रभर मुस्कुराओगे तो ज़िन्दगी खूबसूरत हो जाएगी। उनके अनुसार अपनी कही हुई बात स्वयं सुनें। उन्होंने वक़्फ़ संशोधन बिल, प्रकृति प्रेम, पर्यावरण, गौरक्षा पर भी अपने विचार व्यक्त किये। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि भारत की 140 करोड़ आबादी में 70 करोड़ युवा हैं। विश्व में सबसे बड़ी युवा आबादी का देश भारत है। अगले 25 साल तक हम आगे ही रहेंगे। मगर इतनी बड़ी युवा आबादी को संभालना भी एक बड़ी चुनौती है। युवाओं को देश की प्रगति से जोड़ना होगा, नहीं तो हम विनाश के कगार पर होंगे। इन्हें संगठित, शिक्षित, संस्कारित करना होगा। आज के ज़माने की शिक्षा देनी होगी। देखा जाए तो 0.8 प्रतिशत से कम भारतीय नौजवान विदेश चले गए। उन्होंने अपने बलबूते वहां अपना उच्च स्थान बनाया। अगर हम एक फीसदी युवा भी विश्व में भेज देंगे तो भारतीय नौजवान छा जाएंगे। यह सब भारतीयता का अनुवांशिक गुण है। इसे और विकसित करना है। आज का युगधर्म भी यही है। रामराज्य भी नौजवानों के माध्यम से ही आएगा। पुरातन और आधुनिक शिक्षा और संस्कार देना होगा। किसी का शोषण और भेदभाव न होने दिया जाए। शिक्षालयों के माध्यम से नौजवानों को संभालें। कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित कश्मीरी मुस्लिम प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजसेवी, बुद्धिजीवी, छात्र और विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समरसता और सामाजिक सद्भाव को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इनमें आल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के ग्लोबल अध्यक्ष डॉ. उमर अहमद इल्यासी, गुलफाम हुसैन, मंच की संयोजिका साध्वी कल्पना अरुंधति, सलाहकार अर्जुन मूंदड़ा, वक़्फ़ बोर्ड मध्य प्रदेश के चेयरमैन सनव्वर पटेल आदि प्रमुख थे। सभी अतिथियों को अंगवस्त्र, गुलदस्ते और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।