ड्रोन सर्वे और वैज्ञानिक संवाद से तैयार हुआ रोडमैप ज़िलाधिकारी के माध्यम से शासन को सौंपा गया
यूपी – गाजियाबाद उत्थान समिति ने हिण्डन महोत्सव 2025 के अंतर्गत एक विशेष श्वेत पत्र (White Paper) जारी किया है, जो हिंडन नदी के पुनर्जीवन के लिए एक वैज्ञानिक, व्यवहारिक और सामुदायिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
इस श्वेत पत्र की सबसे अहम विशेषता है — ड्रोन सर्वेक्षण, जिसे उत्थान समिति द्वारा किया गया, यह सर्वेक्षण हिंडन नदी की सहारनपुर में उद्गम स्थली से लेकर नोएडा में यमुना से संगम तक की पूरी लंबाई को कवर करता है। सर्वेक्षण से प्राप्त उच्च-रिज़ॉल्यूशन आंकड़ों ने नदी की वर्तमान स्थिति, प्रदूषण के स्रोतों, और अतिक्रमण की सटीक जानकारी दी है।
इसके साथ ही, यह दस्तावेज़ ‘हिण्डन मंथन’ नामक एक विशेष पैनल चर्चा के निष्कर्षों पर भी आधारित है, जिसमें देशभर के वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों, शोधकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और हिंडन नदी को पुनर्जीवित करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया।
श्वेत पत्र की प्रमुख कार्य योजनाएं :
1. जल गुणवत्ता सुधार
• औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट के लिए सख्त निगरानी
• जल परीक्षण केंद्रों की स्थापना
• जल शोधन संयंत्रों (STPs) की संख्या और दक्षता में वृद्धि
• नदी बेसिन का चार्जिंग-डिस्चार्जिंग जोन विश्लेषण
2. वनस्पति और जैव विविधता संरक्षण
• नदी किनारे वृक्षारोपण
• संरक्षित जैव विविधता क्षेत्र
• फ्लडप्लेन रीस्टोरेशन और इकोसिस्टम मूल्यांकन
3. नदी प्रवाह की पुनर्स्थापना
• जल स्रोतों का पुनर्जीवन
• वर्षा जल संचयन
• हाइड्रोलॉजिकल मैपिंग व एनालिसिस
• तकनीकी नवाचार जैसे रिचार्ज शाफ्ट, सबसरफेस डाई
4. जन जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी
• ‘रिवर फ्रेंड’ अभियान
• विद्यालयों, कॉलेजों और NGOs में कार्यशालाएं
• परंपरागत ज्ञान और नागरिक विज्ञान पहल
• स्थानीय निगरानी समितियों का गठन
5. नीति और प्रशासनिक सहयोग
• “Hindon River Basin Restoration Mission” की शुरुआत
• सरकारी योजनाओं का समन्वय (MGNREGA, Jal Shakti Abhiyan)
• CSR फंड और ग्रीन बॉन्ड्स के माध्यम से वित्तीय सहयोग
• लघु नदियों को ‘जीवित व्यक्ति’ का कानूनी दर्जा देने का प्रस्ताव
6. जलग्रहण प्रबंधन
• वृक्षारोपण और मृदा संरक्षण
• चेक डैम, कंटूर ट्रेंच, बफर ज़ोन का विकास
• वेटलैंड्स और स्प्रिंग्स का संरक्षण
7. प्रदूषण नियंत्रण
• विकेन्द्रित STPs का प्रोत्साहन
• औद्योगिक प्रदूषण पर सख्त प्रवर्तन
• जैविक खेती को बढ़ावा
• बायो-रिमेडिएशन और ठोस कचरा पृथक्करण
इस दस्तावेज़ में देश और विदेश के सफल उदाहरण भी शामिल किए गए हैं जैसे राजस्थान की अरवरी नदी, मुंबई की मिठी नदी, और सियोल (दक्षिण कोरिया) की चेओंग्गेचेओन स्ट्रीम, जो यह दर्शाते हैं कि सामूहिक प्रयासों से किसी भी प्रदूषित नदी को पुनर्जीवित किया जा सकता है।
उत्थान समिति के अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह ने कहा यह श्वेत पत्र केवल शोध नहीं, बल्कि एक कार्य-योजना है। हमने आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक विश्लेषण और जनसहभागिता को जोड़कर हिंडन के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है।
यह पहल उत्तर भारत की नदियों की रक्षा के लिए नीति निर्माण, सामुदायिक भागीदारी और पर्यावरणीय चेतना को एक नई दिशा देने का कार्य करेगी।