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सपाईयों ने मनाई डॉ राम मनोहर लोहिया जी की जयंती एवं शहादत दिवस

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यूपी – गाजियाबाद 23 मार्च को लोहिया नगर स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क में समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष फैसल हुसैन एडवोकेट एवं महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र यादव एडवोकेट के नेतृत्व में डॉ राम मनोहर लोहिया जी की जयंती मनाई गई एवं महान क्रांतिकारीयो शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जी के शहादत दिवस पर उनको नमन करते हुए उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए।

जिला अध्यक्ष फैसल हुसैन ने बताया राममनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को फैजाबाद में हुआ था। उनके पिताजी हीरालाल पेशे से अध्यापक व हृदय से सच्चे राष्ट्रभक्त थे। राममनोहर लोहिया ने अपनी प्रखर देशभक्ति और तेजस्‍वी समाजवादी विचारों के कारण अपने समर्थकों के साथ ही अपने विरोधियों के मध्‍य भी अपार सम्मान हासिल किया। देश की राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे कई नेता हुए जिन्होंने अपने दम पर शासन का रुख बदल दिया जिनमें से एक थे राममनोहर लोहिया। वह समाजवादी भी इस अर्थ में थे कि, समाज ही उनका कार्यक्षेत्र था और वह अपने कार्यक्षेत्र को जनमंगल की अनुभूतियों से महकाना चाहते थे। वह चाहते थे कि व्यक्ति-व्यक्ति के बीच कोई भेद, कोई दुराव और कोई दीवार न रहे। सब जन समान हो, सब जन का मंगल हो। उन्होंने सदा ही विश्व-नागरिकता का सपना देखा था।                         

महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने शहीदी दिवस पर बोलते हुए कहा कि हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस इसलिए मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले वीर सपूतों, क्रांतिकारियों और अंग्रेजों का विरोध करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया जाता है और उनकी शहादत को नमन किया जाता है। शहीद दिवस मनाने के पीछे की वजह गुलाम भारत के इतिहास से जुड़ी है। दरअसल अंग्रेजों ने भारत पर सालों राज किया। हालांकि जब स्वतंत्र भारत की मांग उठी तो भारत के सपूतों ने अंग्रेजों का विरोध किया। विद्रोह की आंधी आई और लगभग हर घर से लोग स्वतंत्रतां संग्राम में कूद गए। इसी दौरान भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने भी अंग्रेजी हुकूमत का जमकर विरोध किया। अपनी आवाज पूरे देश तक पहुंचाने के लिए भगत सिंह जेल तक गए।
1929 में भगत सिंह ने अपने एक साथी के साथ केंद्रीय असेंबली में बम फेंककर इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए। बाद में कोर्ट में भी क्रांतिकारी बयान ओर देशभक्ति की विचारधारा को जाहिर कर पूरे देश में फैलाया।      23 मार्च 1931 को ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर जेल में फांसी दे दी थी। इन तीनों क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठाई थी और अपने साहस से पूरे भारत में क्रांति की भावना जगा दी थी।
शहीद दिवस केवल भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में ही नहीं, बल्कि उन सभी वीरों के सम्मान में भी मनाया जाता है जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह दिन हमें देशभक्ति, साहस और बलिदान की प्रेरणा देता है। यही वो जज्बा था जिसके लिए हमारे शहीदों ने बलिदान दिया। उनका सपना एक ऐसे भारत का था जिसकी बुनियाद में स्वतंत्रता, समानता, न्याय और एकता जैसे मूल्य हों, जहां हर कोई असमानता, शोषण, गरीबी और अन्याय से मुक्त हो। आइए संकल्प लें कि हम अपने महान शहीदों के विचारों और मूल्यों की हर कीमत पर रक्षा करेंगे। अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के सर्वोच्च बलिदान को नमन।

इस अवसर पर मुख्य रूप से
जिला अध्यक्ष फैसल हुसैन एडवोकेट महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र यादव एडवोकेट जिला महासचिव नितिन त्यागी महानगर महासचिव राजन कश्यप वरिष्ठ सपा नेता रमेश यादव जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र यादव प्रदेश उपाध्यक्ष महिला सभा राज देवी चौधरी युवा जनसभा महानगर अध्यक्ष ठाकुर विक्की सिंह यूथ ब्रिगेड महानगर अध्यक्ष रविंद्र यादव लोहिया वाहिनी जिला अध्यक्ष असलम कुरैशी यूथ बिग्रेड जिला अध्यक्ष इरफान अमानत चौधरी छात्र सभा जिला अध्यक्ष अंशु ठाकुर महिला सभा महानगर अध्यक्ष किरण कालिया आकाश अग्रवाल मुरादनगर विधानसभा अध्यक्ष महानगर अध्यक्ष अल्पसंख्यक सभा मोहम्मद अब्बास हैदर एससी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष राजवीर सिंह पिछड़ा वर्ग प्रदेश सचिव ताहिर हुसैन शहजाद खान योगेश सिरोही आशु अब्बासी सैनिक प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष विक्रम सिंह यादव पुष्पा शर्मा जिले खान सलमानी राष्ट्रीय सचिव छात्र सभा रोहित माथुर सुनील जिंदल मजदूर सभा जिला अध्यक्ष फिरोज चौधरी जिला सचिव खालिद बुखारी कृष्ण कुमार यादव जिला सचिव उमेश कश्यप सत्यप्रकाश कंसल महानगर सचिव कमरुद्दीन सैफी गुलफाम शाहनवाज खान साजिद सैफी गुड्डू यादव सुरेंद्र यादव जितेंद्र जाटव सैनिक प्रकोष्ठ महानगर अध्यक्ष कैप्टन सतपाल किरण चौधरी रिजवान चौधरी उपस्थित रहे।