
यूपी – गाजियाबाद अधिवक्ता परिषद ब्रज गाजियाबाद इकाई द्वारा न्यायालय प्रांगण के बार सभागार में स्वाध्याय मंडल का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता मधु मुकुल त्रिपाठी द्वारा कानून में दस्तावेज तथा इलेक्ट्रॉनिक साक्षी के महत्व पर विस्तार से अपना व्याख्यान दिया।
उनके द्वारा बताया गया कि आम बातचीत में रिकॉर्डिंग की जाने वाली बात को साक्षी के विरुद्ध साक्ष्य में उपयोग नहीं किया जा सकता इसके अतिरिक्त भी अभियुक्त को उसके विरुद्ध साक्ष्य देने के लिए विवश नहीं किया जा सकता। उनके द्वारा बताया गया कि पुलिस के समक्ष पुलिस कस्टडी में दिया गया साक्ष्य विधि मान्य नहीं है जबकि पुलिस कस्टडी से बाहर पुलिस को दिया गया साक्ष्य विधि रूप से मान्यता प्राप्त है। कार्यक्रम के अंत में सारिका त्यागी, तुषार एवं अन्य श्रोताओं के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी मुख्य वक्ता द्वारा जिज्ञासा एवं समाधान सत्र में दिया गया। कार्यक्रम का संचालन इकाई के महामंत्री अरुण कुमार द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के अंत में इकाई की अध्यक्ष श्रद्धा चौहान द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित कर अन्य अधिवक्ताओं को परिषद से जुड़ने का आग्रह किया। गौरतलब है कि अधिवक्ता परिषद द्वारा प्रत्येक माह में इसी प्रकार से स्वाध्याय मंडल का आयोजन किया जाता है जिसमें क्षेत्र के नामी तथा ख्याति प्राप्त वरिष्ठ अधिवक्ताओं को वक्तव्य के लिए बुलाया जाता है। गाजियाबाद में इस तरह के कार्यक्रम का संचालन पिछले कई वर्षों से अनवरत किया जा रहा है तथा हजारों अधिवक्ता इससे लगातार लाभान्वित हो रहे हैं। इकाई द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य (वि. आ.) विपिन त्यागी एवं प्रांत की उपाध्यक्ष आशा का भी विशेष धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में मंच पर आसीन इकाई के संरक्षक केपी सिंह एवं नीलाम श्रीवास्तव द्वारा भी इकाई के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए इसमें अपने योगदान देने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मोहनिश जयंत ( कोषाध्यक्ष), अतुल्य त्यागी, राजीव गुप्ता, संजीव त्यागी (उपाध्यक्ष), प्रमोद तितोरिया, इकाई के मंत्री ज्ञानेंद्र शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता अजय भारद्वाज, गीता रानी, पंकज, प्रीति, चंचल, शुभलता, आकांक्षा, अजय रघुवंशी, अखिल त्यागी सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।