
यूपी – गाजियाबाद 17 फरवरी को होटल फार्च्यून इन ग्राजिया, गाजियाबाद के प्रांगण में आईआईए राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि सीईओ यूपीसीडा मयूर माहेश्वरी के साथ गाजियाबाद व आसपास के जनपदों की यूपीसीडा से सम्बन्धित समस्याओं एवं विकास की सम्भावनाओं पर संवाद बैठक का आयोजन किया गया। इसके अलावा बैठक में यूपीसीडा से उप-महाप्रबन्धक आर.एस. यादव, विभिन्न क्षेत्रीय प्रबन्धक प्रदीप सत्यार्थी, राकेश झा, परियोजना अधिकारी शर्मिला पटेल उपस्थित रहे।

गाजियाबाद समस्त औद्योगिक क्षेत्रों एवं हापुड़ के एमजी रोड से सम्बन्धित विभिन्न समस्याऐं/सुझाव चैप्टर चेयरमैन संजय अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत किए गये।
- औद्योगिक क्षेत्र मसूरी गुलावठी रोड हापुड़ यूपीसीडा का उप-क्षेत्रीय कार्यालय प्राथमिकता पर बनवाए जाने विषयक।
- उक्त क्षेत्र में पानी निकासी हेतु सिचाईं नाले से कनेक्टिविटी कराए जाने विषयक।
- उक्त क्षेत्र में सड़कों के निर्माण हेतु लम्बित टेण्डर कराए जाने विषयक।
- उक्त औद्योगिक क्षेत्र में कौशल विकास केन्द्र की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध कराए जाने विषयक।
- उक्त औद्योगिक क्षेत्र में अग्निशमन केन्द्र की स्थापना कराए जाने विषयक।
- उद्योग कुंज औद्योगिक क्षेत्र में काफी समय से क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण कराये जाने विषयक।
- तथा उक्त क्षेत्र में पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था कराये जाने विषयक।
- औद्योगिक क्षेत्र ट्रांस दिल्ली सिग्नेचर सिटी लोनी, गाजियाबाद की क्षतिग्रस्त बाउन्ड्री वॉल का निर्माण कराए जाने विषयक, विशेषकर सैक्टर डी-1 की क्षतिग्रस्त बाउन्ड्री वॉल का निर्माण कराए जाने विषयक।
- ट्रांस दिल्ली सिग्नेचर सिटी लोनी के सैक्टर बी-1 में आवागमन हेतु स्थायी रास्ते की व्यवस्था कराए जाने विषयक।
- उक्त क्षेत्र के सैक्टर ए-7 में पुलिस चौकी से पुलिया तक सड़क निर्माण कराए जाने विषयक।
- उक्त क्षेत्र के सैक्टर ए-7 पार्ट-1 व पार्ट-2 में सीवर न होने तथा किसी मुख्य नाले से इसकी कनेक्टिविटी न होने की समस्या विषयक।
- उक्त क्षेत्र में बालू रेत से भरे ट्रकों द्वारा सड़कों को क्षतिग्रस्त किए जाने की समस्या विषयक।
- उक्त औद्योगिक क्षेत्र में कौशल विकास केन्द्र की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध कराए जाने विषयक।
- उक्त औद्योगिक क्षेत्र में पूर्व में निर्मित पानी की टंकियों में सुधार कर औद्योगिक इकाईयों में पानी की व्यवस्था कराए जाने विषयक।
- उक्त औद्योगिक क्षेत्र में डिस्पेंसरी की स्थापना हेतु भूमि की उपलब्धता कराए जाने विषयक।
- औद्योगिक क्षेत्र स्वदेशी कम्पाउन्उ, कविनगर जोन में ईएसआईसी डिस्पेंसरी की स्थापना हेतु भूमि की उपलब्धता कराए जाने विषयक।
- उक्त क्षेत्र में पानी की निकासी एवं सड़क निर्माण कराए जाने विषयक।
- यूपीसीडा के समस्त औद्योगिक क्षेत्रों में छोटे भूखण्ड 600 वर्गमीटर तक भूखण्डों में एनओसी लेने एवं सेटबैक छोड़े जाने हेतु नोटिस दिए जाने की समस्या विषयक।
- पारिवारिक संबंधियों के बीच संपत्ति बंटवारा पत्र (विभाजन विलेख/पार्टीशन डीड) और समझौता पत्र (सेटलमेंट डीड) की रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में छूट कराए जाने विषयक।
- किसी इकाई के परियोजना बदलाव में स्व-प्रमाणित घोषण के अनुरूप अनुमति प्रदान की जानी चाहिए, विभाग की अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त कराए जाने विषयक।
- समस्त औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क निर्माण व अन्य विकास कार्यों हेतु लम्बित निविदाओं को स्वीकृति दिए जाने एवं सड़क निर्माण एवं विकास कार्य कराए जाने विषयक।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने अपने सम्बोधन में 3 सैक्टर में पॉलिसी रिफार्म, फ्यूचरिस्टिक इण्ड0 एरिया तथा भूमि पर विस्तृत जानकारी सीईओ के सम्मुख प्रस्तुत की जिसमें पॉलिसी रिफार्म के अन्तर्गत उन्होने सीईओ से अनुरोध किया कि
- 1000 वर्गमीटर तक के औद्योगिक भूखंड के लिए अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए सेट बैक की आवश्यकता से छूट दी जा सकती है।
- यू.पी.एस.आई.डी.ए. द्वारा भूमि लागत का 5 से 10 प्रतिशत स्थानान्तरण शुल्क लिया जाता है, जबकि नोएडा प्राधिकरण केवल 100 रुपये प्रति वर्गमीटर लेता है। यू.पी.एस.आई.डी.ए. भी नोएडा प्राधिकरण में लागू स्थानान्तरण शुल्क को अपना सकता है।
- यू.पी.एस.आई.डी.ए. द्वारा किरायेदारी शुल्क 40 से 50 रुपये प्रति वर्गमीटर है, जबकि नोएडा प्राधिकरण 10 रुपये प्रति वर्गमीटर लेता है तथा किरायेदारी में 25 प्रतिशत क्षेत्र के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यू.पी.एस.आई.डी.ए. भी नोएडा प्राधिकरण में लागू किरायेदारी शुल्क को अपना सकता है।
- यदि बैंक ऋण लेने के लिए एक बार एनओसी प्राप्त कर ली जाती है, तो भविष्य में ऋण के लिए इसे पुनः प्राप्त करने की आवश्यकता से छूट दी जानी चाहिए।
- विनिर्माण में सुगमता के हित में समामेलन या पृथक्करण तथा उत्पाद के योग या योग के नियमों को सरल बनाया जाना चाहिए।
- यूपीएसआईडीए वर्तमान समय की ऑनलाइन प्रणाली को अपनाकर किसी भी आवेदन को प्रस्तुत करने तथा उस पर प्रतिक्रिया देने में पारदर्शिता अपनाए।
- अनुरोध है कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए लीजहोल्ड औद्योगिक भूमि को फ्रीहोल्ड में परिवर्तित करने के हमारे प्रस्ताव को स्वीकार किया जाए।
- दिनांक 28 जून 2024 की अधिसूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए गृहकर में 3 गुना की कमी की है, जिसे नगर पालिका द्वारा मध्यम उद्योगों की तुलना में बनाए रखा गया है, यूपीएसआईडीए द्वारा लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों से रखरखाव शुल्क वसूलने में भी यही सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
उन्होने कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना में फ्यूचरिस्टिक इण्डस्ट्रियल एरिया बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैंः-
ऽ इण्डियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का यह कहना है कि प्रदेश में कुछ औद्योगिक क्षेत्रों को सतत् एवं नेट जीरो की की दिशा में मार्डन इण्ड0 एरिया, क्लीन एवं ग्रीन इण्ड0 एरिया विकसित किए जाऐं। क्लीन एवं ग्रीन एरिया के दृष्टिगत औद्योगिक क्षेत्रों में सौलर को बढ़ावा दिए जाने हेतु यूपीसीडा के खाली पार्कों में कलस्टर के रूप में सौलर की स्थापना की तरफ़ बढ़ना चाहिए।
ऽ इसी क्रम में औद्योगिक क्षेत्रों में कॉमन ईटीपी की स्थापना कराए जाने विषयक।
ऽ एनसीआर में ग्रेप के कारण उद्योगों को वायु गुणवत्ता मापक बढ़ने के कारण बन्द करना पड़ता है, वायु प्रदूषण का मुख्य कारक क्या है, इसको जानने हेतु आईआईए एवं यूपीसीडा संयुक्त औद्योगिक क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता मापक सम्बन्धित सिस्टम लगा सकते हैं।
ऽ यूपीसीडा के सहयोग से आईआईए द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में कौशल विकास केन्द्र की स्थापना मसूरी गुलावटी रोड एवं ट्रोनिका सिटी के उद्यमी इसके लिए तैयार हैं। यदि आप इसके लिए भूमि आंवटित कर देंगे तो कौशल विकास केन्द्र के साथ अन्य हेल्प सेंटर एवं जागरूकता केन्द्र स्थापित किए जा सकते हैं।
ऽ आईआईए गाजियाबाद व हापुड़ के 271 उद्यमी सदस्यों से नए निवेश/विस्तार के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें लगभग 119745.50 लाख निवेश तथा लगभग 15451 रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, जिस हेतु लगभग 30 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। अतः उक्त नए निवेश/विस्तार हेतु 30 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराए जाने विषयक।
इसके अलावा गाजियाबाद, मोदीनगर, नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा इत्यादि से उपस्थित विभिन्न पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने भी अपनी समस्याऐं एवं सुझाव प्रस्तुत किए।
सीईओं मयूर माहेश्वरी ने शालीनता के साथ सभी प्रकरण सुने तथा आश्वस्त किया है कि यूपीसीडा सभी समस्याओं एवं सुझावों पर कार्यवाही कर रहा है। आगामी 5-6 महीनों में ऐसा होने लगेगा कि औद्योगिक क्षेत्रों में मुकाबला होगा कि हमारा औद्योगिक क्षेत्र सबसे विकसित औद्योगिक क्षेत्र है, जो नीतिगत प्रकरण है, उन पर अवश्य कार्यवाही की जायेगी। आपकी जो भी समस्याऐं एवं सुझाव हैं, उनको आप कभी-भी अवगत करा सकते हैं।
इस अवसर डिवीजनल चेयरमैन राकेश अनेजा, सीईसी सदस्य श्री मनोज कुमार, आईएसी चेयरमैन साकेत अग्रवाल, एमएसएमई एवं पॉलिसी समिति चेयरमैन प्रदीप गुप्ता, एम्पलॉयमेंट एक्सचेंज समिति चेयरमैन अमित नागलिया, प्रिटिंग एवं पब्लिकेशन समिति चेयरमैन यश जुनेजा, वाईस चेयरमैन अमित बंसल, रमन मिगलानी, कन्वेनर संदीप गुप्ता के अलावा विभिन्न उद्यमी उपस्थित रहे।