यूपी – गाजियाबाद हर रोज़ क़रीब 500 मरीज़ कुत्ता /बंदर काटने से गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल में आते है लेकिन सीरम पिछले तीन साल से ख़त्म है।
राष्ट्रवादी जनसत्ता दल हेल्थ प्रभारी हर्ष हॉस्पिटल के डॉ बी पी त्यागी ने बताया एक सीनियर ऑफिसर की पत्नी को मुझे हाथ में सीरम इंजेक्शन लगाना पड़ा क्योकि सरकारी अस्पताल गाजियाबाद में रेबीज सीरम उपलब्ध नहीं था। मुझे आश्चर्य तो तब हुआ जब गाजियाबाद के सारे बड़े अस्पताल व फ़ार्मेसी में सीरम नहीं मिला। अगर बाईट स्किन को कट कर के अंदर तक रहती है तो सीरम लोकल घाव पर लगाना रेबीज से बचा सकता है। अगर सीरम घाव में इंजेक्ट नहीं किया तो रेबीज के कीटाणु घाव से नर्व के साथ स्पाइनल कॉर्ड व दिमाग़ तक पहुँच जाता है, और मरीज़ की जान चली जाती है।