Screenshot_20221103-203604_YouTube
IMG-20230215-WA0382
a12
IMG-20230329-WA0101
IMG-20240907-WA0005
PlayPause
previous arrow
next arrow

चुनाव चिन्ह के बजाए प्रत्याशी की काबिलियत पर वोट दे जनता : डॉ बी पी त्यागी

Share on facebook
Share on whatsapp
Share on twitter
Share on google
Share on linkedin

यूपी – गाजियाबाद राष्ट्रवादी जनसत्ता दल के स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के प्रभारी वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉक्टर बीपी त्यागी ने कहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता को किसी पार्टी विशेष के चुनाव चिन्ह के बजाय प्रत्याशी की छवि व्यक्तित्व और उसकी काबिलियत के आधार पर जनप्रतिनिधि चुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल किसी भी पार्टी को अपने चुनाव चिन्ह को प्रत्याशी घोषित करना किसी भी तरह से उचित नहीं है।

यहां जारी एक बयान में डॉक्टर बी पी त्यागी ने कहा है कि किसी भी प्रजातंत्र में अपना नेता या कोई राजनीतिक दल का चुनाव करना एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। अतः इनका चयन बहुत सूझ बूझ से सारे बिन्दुओ को ध्यान में रखकर करना चाहिए। नेता को चुनने के लिए उसकी सारी योग्यताओं को देखना चाहिए। वह शिक्षित होना चाहिए। जमीन से जुड़ा हुआ हो यानी मिलन सार हो। सभी जाति और धर्म की जमीनी वास्तविकताओं के बारे में जानकारी हो। नई-नई समस्याओं के बारे में अच्छी जानकारी हो और उन समस्याओं का समाधान करना जानता हो। आज के परिवेश में उन समस्याओं को सदन में कैसे उठाया जाये और उनके विकल्प के लिए सदन में वाद-विवाद कैसे करे यह भली भाती जानता हो। अपने कहे वादो को न भूलता हो। उन्होंने कहा कि राजनैतिक नेता अपने क्षेत्र में हर तरह के विकास में सहयोग करने वाला हो चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, जनता का विकास हो, क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर कैसे बने आर्थिक विकास कैसे हो स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना योगदान देने की क्षमता हो, अपने क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता हो, इसी प्रकार राजनैतिक दल के बारे में राजनैतिक दल भी विदेशी पॉलिसी कैसी है, अर्थशास्त्र पॉलिसी कैसी है, आयात निर्यात, स्वास्थ्य नीति देश की जनता के हित में हो, सबका साथ सबका विकास वास्तविक में हो।


डॉ. त्यागी ने कहा है कि आजकल में मानता हूं कि अधिकतर दल अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं। वह विज्ञापन पर जनता की कठिन परिश्रम से कमाए धन को पानी की तरह बहाते है। आयकर के रुप में मिले धन को दिखावे में व किसी एक धर्म को खुश करने में खर्च करते है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर अपने नेता और दल का चुनाव करना चाहिए।

उन्होंने कहा पता चला है कि एक राजनीतिक दल ने कमल के फूल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। जिससे लगता है कि नेता की कोई आवश्यकता नहीं है केवल दल के चिन्ह को प्राथमिकता दी गयी है जो प्रजातंत्र में न्याय संगत नहीं है।