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रेफ़रल सेंटर बनकर रह गए गाजियाबद के सरकारी अस्पताल

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डॉ. बीपी त्यागी ने उप्र के मुख्यमंत्री से की गहराई से जांच की मांग

यूपी – गाजियाबाद राष्ट्वादी जनतासत्ता दल चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी व वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. बृजपाल त्यागी ने गाजियाबाद के हेल्थ विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकारी अस्पताल रेफरल अस्पताल बनकर रह गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से गहराई से जांच की मांग की है।

डॉ.त्यागी ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों की स्थिति पर नजर डालें तो गाजियाबद का हेल्थ सिस्टम सवालो के दायरे में आ गया है। कुछ दिन पहले संजय नगर के कंबाइंड हॉस्पिटल से एक 11 साल की बच्ची को जिसके गले में सिक्का फँसा हुआ था एक प्राइवेट हॉस्पिटल भेज दिया जाता है। जो की महिंद्रा एनक्लेव में स्थित है। लेकिन बच्चे के पिता हर्ष अस्पताल में जाते है और डॉ बी पी त्यागी सारा इलाज फ्री कर देते है। क्योकि बच्चा ग़रीब था, और बच्चे को सरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस तक नहीं मिलती है। उन्होंने बताया अभी एक मामला ईएसआई साहिबाबाद का है, एक ईएसआई कार्ड होल्डर की सास को बिना देखे की नोएडा यथार्थ अस्पताल भेज दिया जाता है और उस मरीज़ को हार्ट में स्टंट लगा दिये जाते है व बिल ईएसआई के लिए जेनेरेट कर दिया जाता है। ये दोनों मामले कही न कही अंदर तक फैले दलाली सिस्टम की और संकेत दे रहे है। ये दोनों मामले एक हफ़्ते के अंदर पकड़ में आना यह दर्शाता है कि माननीय योगी व माननीय मोदी कितना भी पैसा भेजे दलाली तो होगी ही। डॉ बी पी त्यागी ने कहा क्या इन दोनों प्राइवेट हॉस्पिटल्स या दोनों सरकारी हॉस्पिटल की जाँच होगी, क्या ग़रीब ऐसे ही पिस्ता रहेगा और प्राइवेट हॉस्पिटल के दलाल सरकारी अस्पतालों को ऐसे ही पैसा बाटता रहेगा। ये कौन है जो सरकार के पैसे का दुरुपयोग कर रहा है यदि इसकी गहराई से जांच हो जाये तो पूरे नेक्शस का खुलासा हो सकता है।