स्विट्जरलैंड में जुटे 85 देशों के हड्डी रोग विशेषज्ञ
यूपी – गाजियाबाद स्विट्डरलैंड के देवास शहर में पिछले दिनों हड्डी रोग के इलाज और ऑपरेशन्स को लेकर नई तकनीकियां साझा करने के लिये 85 देशों के विशेषज्ञ डॉक्टर्स इकट्ठा हुए। मौका था हड्डी रोग विशेषज्ञों की दुनिया में सबसे बड़ी संस्था ‘ए.ओ. फाउंडेशन’ की सालाना कॉन्फ्रेंस का। पांच दिवसीय इस अधिवेशन में भारत की ओर से यशोदा अस्पताल के ऑर्थोपैडिक सर्जन डॉ. विपिन त्यागी ने प्रतिनिधित्व किया। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन ए.ओ. फाउंडेशन के चेयरमैन रॉबर्ट एमसीगौरे ने किया।
स्विट्जरलैंड से लौटकर डॉ. विपिन त्यागी ने बताया कि ज्वाइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ों के प्रत्यर्पण) और किसी कारण से हड्डी टूट जाने पर ऑपरेशन्स से पहले की जानकारी के लिये इस कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण ज्ञान साझा किया गया। उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि अब हड्डी जुड़ने या न जुड़ पाने की जानकारी ऑपरेशन से पहले ही हो जाएगी। कंट्रोल मोबिलिटी प्लेट्स पर ब्लूटुथ डिवाइस लगाकर पता चल जाएगा कि मरीज की टूटी हड्डी जुड़ पाएगी या नहीं। यह पता चल जाने पर एक तरफ मरीज के सही इलाज के लिये डॉक्टर का फालतू समय बच जाएगा, दूसरी ओर मरीज का पैसा भी बेकार में खर्च नहीं होगा। टूटी हड्डी की जगह प्लेट डालकर मरीज को जल्दी खड़ा किया जा सकेगा।
डॉ. विपिन त्यागी ने बताया कि कॉन्फ्रैंस में सभी विशेषज्ञ सर्जन इस राय पर एकमत थे कि ज्वाइंट रिप्लेसमेंट रोबोटिक पद्धति से किया जाए या फिर सर्जरी करके, दोनों में कोई अंतर नहीं होता। एक प्रस्ताव पारित कर एओ फाउंडेशन में राय रखी गई कि दोनों तरह से जोड़ों का प्रत्यर्पण कामयाब होगा। इस मामले में मरीज में किसी तरह की भ्रांति नहीं रहनी चाहिए। डॉ. त्यागी का कहना है कि हड्डी टूट जाने पर प्लास्टर लगाने या ऑपरेशन करने से पहले ब्लूटुथ डिवाइस के जरिये यह जान लेना सही होगा कि हड्डी जुड़ भी पाएगी या नहीं? नहीं जुड़ पाएगी तो क्यों नहीं? इसका पता लगाने के लिये कई तरह के टेस्ट किये जा सकेंगे और टेस्ट रिपोर्ट्स के आधार पर सही इलाज किया जा सकेगा।
कॉन्फ्रेंस में हड्डी के रोगों से जुड़ी कई नई चिकित्सा पद्धतियों और दवाइयों के बार में भी जानकारियां साझा की गई। दुनिया भर के डॉक्टरों ने अपने अनुभव साझा करने के साथ ही दवाइयों के साइड इफेक्ट्स और इनके निदान पर भी अपनी राय सामने रखीं। डॉ. विपिन त्यागी ने कहा कि ए.ओ. फाउंडेशन की यह विश्वव्यापी कॉन्फ्रेंस दुनिया भर के ऑर्थोपैडिक सर्जन्स के लिये बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।