वैदिक पद्धति को अपनाकर राष्ट्र निर्माण सम्भव : आचार्य चन्द्र पाल शास्त्री
यूपी – गाजियाबाद रविवार को आर्य समाज गोविंदपुरम के तत्वावधान में 21 वाँ त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया।
सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक पं कुलदीप विद्यार्थी ने कहा कि आर्य समाज परमात्मा की वाणी वेद का प्रचार और प्रसार करता है।वैदिक जीवन पद्धति में शरीर, मन और आत्मा की उन्नति करना संस्कार है, संस्कार से संस्कृति बनती है। कुलदीप विद्यार्थी, कल्याण देव एवं गायिका छवि आर्या के मधुर भजनों को सुनकर श्रोता झूम उठे।
वैदिक विद्वान आचार्य चन्द्र पाल शास्त्री ने कहा कि वैदिक जीवन पद्धति के माध्यम से व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का निर्माण’ हो सकता है। उन्होंने बताया कि भारतीय जन, भारतीय संस्कृति और भारतीय भूमि इन तीनों के सामुच्य को राष्ट्र कहते हैं। विद्वान, विचारशील चिंतन सहित लोगों के समूह को समाज कहते हैं। अपने कार्य व्यवहार को विचार कर जो करता है वह मनुष्य है। जो मात्र देखता है, अंधानुकरण करता है वह पशुवत्त है। प्रत्येक राष्ट्र की इकाई मनुष्य होता है और राष्ट्र मनुष्यों से बनता है, यदि मनुष्य विचारशील हो जाएं तो राष्ट्र का निर्माण हो जाता है। हमारे पूर्वजों, ऋषियों ने जो चिन्तन दिए हैं वह संस्कृति है। वैदिक पद्धति को अपनाकर हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने वैदिक संस्कृति को अपनाने पर बल दिया।
महायज्ञ के ब्रह्मा एवं मुख्य वक्ता स्वामी सच्चिदानंद में कहा कि वर्तमान में भारतीय वैदिक संस्कृति अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत है, सफलता तभी मिल सकती है जब हम वैदिक जीवन दर्शन के सूत्र अपने जीवन में अपना लें। यह भी आह्वान किया गया कि युवा ही नहीं वरिष्ठ नागरिक भी जितनी ऊर्जा और समय है वह राष्ट्र और समाज की सेवा में लगाएं तो शेष जीवन सार्थक होगा।
चौधरी सत्यवीर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सुन्दर आयोजन के लिए आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देव पूजा, संगतीकरण ओर दान से राष्ट्रोत्थान होगा। अंध विश्वासों से राष्ट्रोन्नती नहीं हो सकती, वेदपथ के राही बनकर आगे बढ़ेंगे तो कल्याण होगा। मंच का कुशल संचालन प्रधान राजेंद्र कुमार सिंह ने किया उन्होंने सहयोगियों, दानदाताओं, अतिथयों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री श्रद्धानंद शर्मा, सेवा राम त्यागी, राम निवास त्यागी, प्रवीण आर्य, डा प्रमोद सक्सेना, नरेन्द्र पांचाल, वीके धामा, बृजपाल गुप्ता,लक्ष्मण सिंह चौहान,सुमन चौहान, महीपाल तोमार, कृपाल सिंह वर्मा, विजेन्द्र सिंह, सतीश आर्य, कुसुम सिरोही, पूनम चौधरी, आराधना सिंह एवं प्रवीण आर्य आदि उपस्थित रहे। शांति पाठ व प्रीतिभोज के साथ सभा संपन्न हुई।