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भारत में नि:संतान दंपती, बच्चे को गोद लेना चाहे तो कानूनी रुप से कैसे लें : शैली सेठी

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शैली सेठी – कुछ ऐसे माता-पिता होते हैं जो बच्चा पैदा करने में असक्षम होते हैं, और वे बच्चे को गोद लेना चाहते है परंतु पूर्ण जानकारी ना होने पर वे ना केवल गुमराह होते है, अपितु बच्चे की चाह दिल में छुपाये अन्दर ही अन्दर  घुटते रहते है | आज अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर शैली सेठी ने बच्चे को कानुनी रुप से गोद लेने की प्रक्रिया आप सभी के साथ साँझा की है ,शैली सेठी ने बताया की अनेको दंपत्ती उनसे बच्चे को गोद लेने की जानकारी मांगते है ऐसे में अनेको दंपत्ती, अपने दर्द ओर बच्चा ना होने की पीडा को सहते है |शैली सेठी ने बताया की सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की देखरेख में बच्चों को गोद लेने के लिए बनाये गए नियमों का पालन किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले बच्चों को एडॉप्शन के लिए देने वाली संस्था के पास रजिस्ट्रेशन करना होता है, जिसके बाद कई प्रक्रियों का पालन करते हुए कोर्ट के ऑर्डर द्वारा बच्चे को गोद दिया जाता है। शैली सेठी द्वारा, बच्चे को गोद लेने की ऊचित जानकारी इस लेख के माध्यम से दी जा रही है, इस लेख में बच्चे को कानुनी तौर पर लेने की प्रक्रिया ,ज़रूरी दस्तावेज सहित,हेल्प लाइन न.एवं वेब साईट की भी पूर्ण जानकारी दी गई है जिसके माध्यम से आप एक बच्चे को कानुनी तौर से गोद ले सकते है |
बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया :
किसी भी बच्चे को गोद लेने के लिए माता-पिता दोनों की सहमति होनी जरूरी है, किसी भी भावी दत्तक माता पिता को बच्चा गोद तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक उनकी शादी को कम से कम 2 साल ना हो जाएं | बच्चे और भावी दत्तक माता-पिता के बीच में कम से कम 25 वर्ष का आयु अंतर होना चाहिए |
बच्चे को गोद लेने के लिए चाहिए ये जरूरी डॉक्यूमेंट्स, जानें किस वेबसाइट पर जाकर करें रजिस्ट्रेशन :
हमारे देश में बच्चों को गोद लेने के लिए, बच्चों को अडॉप्ट करने के कुछ नियम और कानून बनाए गए हैं, जिनके बारे में लोगों को पता होना जरूरी है | बच्चे को गोद लेने के लिए जरूरी कागजात :
भावी दत्तक माता पिता की फोटो
बर्थ सर्टिफिकेट यानि जन्म प्रमाण पत्र
आधार कार्ड/ वोटर कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेंस/ पासपोर्ट/ करंट इलेक्ट्रिसिटी बिल/ टेलिफोन बिल
सैलरी स्लिप/ सरकार द्वारा जारी किया गय आय प्रमाण पत्र/ इनकम टैक्स रिटर्न
अगर आप शादीशुदा है तो मैरिज सर्टिफिकेट
अगर आप तलाकशुदा है तो डिवोर्स से संबंधित कागजात
यदि आपके साथी यानि पति या पत्नी में से किसी की मृत्यु हो जाए तो उनका मृत्यु प्रमाण पत्र
चिकित्सा प्रमाण पत्र जो यह साबित करे कि आप किसी संक्रामक या घातक बीमारी से पीड़ित नहीं हैं |
कौन ले सकता है बच्चे को गोद?
भावी दत्तक माता पिता शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तंदुरुस्त होने चाहिए,आर्थिक स्थिति सही होनी चाहिए ,उन्हें किसी भी प्रकार की जानलेवा बीमारी नहीं होनी चाहिए,यदि कोई एकल महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहे तो वह किसी भी लिंग के बच्चे को बेहद आसानी से गोद ले सकती है, लेकिन एकल पुरुष लड़की को गोद लेने का पात्र नहीं है |
किसी भी बच्चे को गोद लेने के लिए माता-पिता दोनों की सहमति होनी जरूरी है ,किसी भी भावी दत्तक माता पिता को बच्चा गोद तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक उनकी शादी को कम से कम 2 साल ना हो जाएं |
बच्चे और भावी दत्तक माता-पिता के बीच में कम से कम 25 वर्ष का आयु अंतर होना चाहिए |
बच्चे को गोद कैसे ले सकते हैं?
सबसे पहले माता पिता को CARINGS (www.cara.nic.in) वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा | रजिस्ट्रेशन सिर्फ भारत में रहने वाले भारतीय नागरिक ही कर सकते हैं,अब आप एचएसआर यानी होम स्टडी रिपोर्ट और स्टेट के लिए अपने पसंदीदा एजेंसी का चुनाव करें,अब आई डी पासवर्ड जनरेट करें,रजिस्ट्रेशन के 30 दिनों के अंदर अपने डाक्यूमेंट्स को अपलोड करें,
अब आपके सामने रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट हो जाएगा |
अब इसके बाद भावी दत्तक माता पिता की उपयोगिता का निर्धारण किया जाता है,अगर वह उपयुक्त नहीं पाए जाते तो भावी दत्तक माता पिता को कारण बता कर सूचना दे दी जाती है |
बच्चा कानूनी तोर पर न लेने के नुक्सान :
बच्चा कानूनी तोर पर न लेने पर आपके ऊपर बच्चे के अपहरण का मुकद्दमा दर्ज हो सकता है |
बच्चे को जन्म देने वाले माता पिता,बच्चे को गोद लेने वाले माता -पिता से अपनी संतान वापिस ले सकते है,जिसके लिए आपको हरजाने के तौर पर बच्चे के साथ भारी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है |
ज्यूँकी बच्चे को गोद लेते ही माता पिता का बच्चे से ओर बच्चे का गोद लिए माता पिता से प्रेम का भावात्मक रिश्ता बन जाता है ,ऐसे में पुन बच्चे को खो देने का डर सदैव माता पिता में बना रहेगा,ओर बच्चे को खो देने पर दोनो के लिए जीवन पुन आरम्भ करना बहुत कठिन हो जाता है |अत् केवल कानुनी रुप से बच्चे को गोद ले |
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय,भारत सरकार
Toll Free No. 1800111311
Helpline Phone No: 01126180194
Website: www.cara.nic.in