यूपी – गाजियाबाद मुरादनगर में चित्तौड़ा पुल के नजदीक कल्पतरु आश्रम में चल रहे चार दिवसीय नेचुरोपैथी कैम्प में सभी साधकों को विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से स्वस्थ रहने के लिए मार्गदर्शित किया गया। क्लींजिंग थैरेपी के प्रणेता डाॅ.पीयूष सक्सेना ने कहा कि लीवर की गड़बड़ी ही शरीर में विभिन्न विकारों को उत्पन्न करती है।
उन्होंने बताया लीवर क्लींजिंग थैरेपी करने के बाद कम से कम छह महीने तक व्यक्ति में हार्ट अटैक का खतरा बिल्कुल नहीं होता। लीवर शरीर की केमिकल फैक्ट्री है इसकी क्लींजिंग के बाद शरीर में पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है जो हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य की कुंजी है। जैसे जैसे क्लींजिंग की फ्रीक्वेंसी बढ़ती जाएगी, वैसे वैसे शरीर स्वस्थ होता जाएगा। 18 घंटे की प्रक्रिया के बाद शरीर मे चमत्कारी बदलाव आते हैं।
मुख्य संयोजक यशपाल गुप्ता के निर्देशन में किडनी क्लींजिंग, नेत्र उपचार, विभिन्न प्रकार के जूस के माध्यम से आंतरिक विकारों के उपचार, लीवर क्लींजिंग, मिट्टी तथा पंचगव्य स्नान आदि क्रियाओं के द्वारा भरपूर आनन्द के साथ सभी साधकों ने उपचार प्रक्रिया में भागीदारी की।
इस मौके पर योग विशेषज्ञ देवेन्द्र हितकारी ने कहा कि स्वस्थ जीवन जीने का मुख्य आधार संतुलित आहार ही हैं। इसी बात पर बल देते हुए मुख्य संयोजक श्री गुप्ता ने कहा कि नियमित दिनचर्या और ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक फल सब्जियों, जूस आदि को अपने आहार में शामिल करके विभिन्न रोगों के साथ साथ शुगर को भी लगभग समाप्त किया जा सकता है। इस कैम्प में गाजियाबाद से वीके अग्रवाल, रेखा अग्रवाल, बीके सिंघल, प्रदीप गुप्ता, नीता गुप्ता, अनुराधा सिंह, सीमा गोयल, अरुण गोयल, कविता, सरिता गोयल, दिल्ली नोएडा से शिखा शुक्ला, रितु मित्तल पीयूष मित्तल, राहुल सक्सेना, अंकित खन्ना, श्रुति सेहरावत, कमलेश आहूजा, रीटा सतीजा, विनोद त्रिपाठी, उत्तराखंड देहरादून से सरदार सरबजीत सिंह, हल्द्वानी से ललित भट्ट, मुम्बई से शिवानी, संतोष , खुर्जा से अर्चना तथा संजीव मित्तल सहित सैंकड़ों लोगों ने इसका लाभ लिया।
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लीवर की गड़बड़ी ही शरीर में विभिन्न विकारों को उत्पन्न करती है : डॉ. पीयूष सक्सेना
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