यूपी – गाजियाबाद श्री सुल्लामल रामलीला में अहिरावण के वध के बाद रावण स्वयं रणभूमि में पहुंचता है जहां विभीषण द्वारा श्री राम को बताया जाता है कि रावण की नाभि में अमृत है आप उसकी नाभि पर तीर चलाएं तभी राम रावण की नाभि पर तीर चलाकर उसका वध कर देते हैं। रावण का वध करते ही रामलीला मैदान में जय श्री राम का घोष होने लगा।
राम के तीर से रावण, कुम्भकरण, मेघनाथ तीनो के पुतले घू घू करके जलने लगे लीला बाड़े में चारो तरफ जय श्री राम जय श्री राम जय बजरंगबली के उद्घोष गूंजने लगे। लीला के अंत में केंद्रीय राज्य मंत्री व सांसद डाक्टर वी0के0 सिंह साथ मे पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री व शहर विधायक अतुल गर्ग ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सभी को अपने अंदर के अहम रूपी रावण को मारना होगा तथा हम सभी को प्रभु राम के चरित्र को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
लीला में मुख्य रूप से अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार वीरो, उस्ताद अशोक गोयल, कार्यवाहक महामंत्री दिनेश शर्मा बब्बे, शिव ओम बंसल, संजीव मित्तल, अनिल चौधरी, आलोक गर्ग, ज्ञान प्रकाश गोयल, सुभाष गुप्ता, सुबोध गुप्ता, राजेन्द्र मित्तल मेंदी वाले, विनय सिंघल, नरेश अग्रवाल, मुनेंद्र आर्य, सुधीर गोयल, सुंदर लाल, राघवेंद्र, पार्षद नीरज गोयल, मोहित मित्तल, नंदकिशोर शर्मा का विशेष सहयोग रहा।