यूपी – गाजियाबाद श्री सुल्लामल रामलीला में कलाकारों ने भगवान श्रीराम से सुग्रीव की मित्रता और बाली वध का बहुत ही सराहनीय मंचन किया।
रामलीला मंचन में सोने के मृग मिलने पर भगवान राम और लक्ष्मण वापस पंचवटी पहुंचते हैं, जहां रावण के सीता हरण के बाद भगवान राम व्याकुल होकर सीता की खोज करते हुए सबरी की कुटिया पहुंच जाते हैं। सबरी उनको अपने जूठे बेर खिलाती है। आगे जाने पर उनकी हनुमान और सुग्रीव से मित्रता हो जाती है। सुग्रीव भगवान राम को अपने भाई के द्वारा किए गए अत्याचारों से अवगत कराता है। भगवान राम के कहने पर सुग्रीव अपने बड़े भाई बाली को युद्ध करने के लिए ललकारता है। प्रथम बार में सुग्रीव बाली से हार कर चला आता है। इससे भगवान राम सुग्रीव को दोबारा युद्ध करने के लिए भेजते हैं। दूसरी बार पेड़ की आड़ में छिपकर वध कर देते हैं। श्रद्धालुओं ने भगवान श्री राम के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। रामलीला में बाली सुग्रीव के युद्ध का प्रसंग किया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा और बाली का वध श्रीराम द्वारा किया गया। रामलीला मंचन देखने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में दूर दूर से भक्त लोग आ रहे हैं।
राम लीला मंचन के दौरान अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार वीरो, उस्ताद अशोक गोयल, दिनेश शर्मा बब्बे, श्री कांत राही, अनिल चौधरी, ज्ञान प्रकाश गोयल, सुबोध गुप्ता, नरेश अग्रवाल, सुधीर गोयल, सुंदर लाल, राघवेंद्र, पार्षद नीरज गोयल, मोहित मित्तल, राजेश बंसल, राजेश स्वामी, अजय गुप्ता, सुभाष बजरंगी, दिनेश गोयल, नंद किशोर शर्मा, अनिल गर्ग, विजय गोयल, लोकेश बंसल आदि कमेटी के पदाधिकारी उपस्थित रहे।