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राजनगर रामलीला में भगवान राम ने ताड़का एवं अन्य राक्षसों का किया वध

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यूपी – गाजियाबाद राजनगर में श्री रामलीला समिति की ओर से चल रही रामलीला में रविवार को रामायण के कई प्रसंगों को प्रस्तुत किया गया। मथुरा से आए कलाकारों ने पं मथुरा प्रसाद चतुर्वेदी के निर्देशन में मुनि विश्वामित्र के द्वारा यज्ञ की रक्षा के लिए राम लक्ष्मण को अपने साथ लेकर जाना, ताड़का वध, मारीचि तथा सुबाहु का वध एवं मुनि के साथ जनकपुरी जाना तथा नगर घूमने व पुष्प वाटिका में यज्ञ के लिए फूल लेने जाना आदि प्रसंगों का मंचन किया गया।

रामलीला मंचन से पूर्व समिति के पदाधिकारियों ने भगवान के स्वरुपों की तथा रामायण का पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

रविवार की लीला के दौरान गुरु विश्वामित्र अपने आश्रम में यज्ञ करते हैं। राक्षस वहां आकर यज्ञ का विध्वंस करते हैं जिससे सभी आश्रमवासी बहुत परेशान हैं। राक्षसों का वध करने के लिए गुरु विश्वामित्र जी अयोध्या जाते हैं और राजा दशरथ से विनती करते हैं कि राम और लक्ष्मण को उनके आश्रम में भेज दें ताकि राक्षसों से यज्ञ की रक्षा हो सके। राजा दशरथ गुरु विश्वामित्र के अनुरोध पर यज्ञ की रक्षा के लिए अपने दोनों पुत्रों को उनके साथ भेज देते हैं। दोनों भाई आश्रम में जाकर यज्ञ की रक्षा के लिए ताड़का का वध करते हैं तथा मारीचि व सुबाहु एवं अन्य राक्षसों को मार भगाते हैं। उनके ऐसा करने से आश्रम का वातावरण सुरक्षित और शांतिपूर्ण हो जाता हैं। तब स्वर्ग से देवता आकर उनकी स्तुति करते हैं। इसके बाद जब जनकपुरी से राजा जनक की पुत्री सीता के स्वयंवर का निमंत्रण आता है, तो गुरु विश्वामित्र दोनों राजकुमारों को लेकर जनकपुरी जाते है। जहां रास्ते में शिला बनी अहिल्या भगवान राम के चरणों का स्पर्श पाते ही जीवन्त हो जाती है। इसके बाद वह सब जनकपुरी जाते हैं, जहां राजा जनक स्वयं गुरु विश्वामित्र एवं उनके शिष्यों का स्वागत करने के लिए आते हैं। जनकपुरी पहुंच कर दोनों भाई गुरु से आज्ञा लेकर नगर दर्शन को निकलते हैं। साथ ही पुष्प वाटिका देखकर वहां के रक्षकों से पुष्प लेने का आग्रह करते हैं लेकिन वह उन्हें मना करता हैं। सीता जी अष्ट सखियां जब रामचन्द्र जी और लक्ष्मण जी को देखती हैं तो सभी सखियां अपने अपने शब्दों में उनकी प्रशंसा करती हैं। जनकदुलारी सीता भी अयोध्या के राजकुमारों की मोहक छवि देखकर उनको मन ही मन पसंद करने लगतीं हैं।

लीला मंचन के दौरान समिति के संरक्षक और संस्थापक सदस्य जितेन्द्र यादव, अध्यक्ष जयकुमार गुप्ता, महामंत्री आर एन पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राजीव मोहन गुप्ता,
संगठन मंत्री विनीत शर्मा, सुभाष शर्मा, दीपक मित्तल सीए, के.पी .गुप्ता, बृजमोहन सिंघल, अमरीश त्यागी, जी.पी. अग्रवाल, आर.के.शर्मा, मंत्री मुकेश मित्तल, विनोद गोयल, राजीव गुप्ता, प्रचार मंत्री रेखा अग्रवाल, सौरभ गर्ग, मनीष वशिष्ठ, मोतीलाल गर्ग, महावीर बंसल, मदन लाल हरित, दीपक सिंघल, गोल्डी सहगल, आलोक मित्तल, जयकमल अग्रवाल, सुन्दर लाल यादव, बी.के.अग्रवाल, ओमप्रकाश भोला, अमरपाल तेवतिया, विजय लुम्बा, राजीव गुप्ता, श्रीचंद चौहान, नवीन शर्मा, नवीन झा, अनिल बैंसला सहित राजनगर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। रामलीला में धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने लगी है। मेले की सुरक्षा व्यवस्था में सिविल डिफेंस की ओर से डिविजनल वार्डन (आर) नीरज भटनागर के निर्देशन में दर्जनों स्वयंसेवक जुटे हुए हैं। पोस्ट तीन के पोस्ट वार्डन अमित श्रीवास्तव एवं डिप्टी पोस्ट वार्डन रेखा अग्रवाल के नेतृत्व में सभी वार्डन अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।