यूपी – गाजियाबाद श्री धार्मिक रामलीला समिति कविनगर द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव में गुरुवार को आदि पराशक्ति द्वारा त्रिदेव की उत्पत्ति, जय-विजय प्रसंग और नारद मोह की लीला के साथ-साथ अहिल्या के पाषण होने के प्रसंग की मनोरम लीला का भव्य मंचन किया गया।
लीला में आदि पराशक्ति द्वारा तीनों देवों ब्रह्मा-विष्णु-महेश की उत्पत्ति मनोशतरूपा कथा का बहुत ही मनोरम मंचन किया गया। साथ ही जय-विजय को मिले श्राप और तदोपरान्त उनकी मुक्ति के मार्ग की लीला का बहुत ही सुन्दर मंचन किया गया कि किस प्रकार जय-विजय मुक्ति के लिये अगले जन्मों में सत्युग में हिरणाकश्यप और त्रेता युग में रावण और कुम्भकरण एवं द्वापर में कंस और शिशुपाल का जन्म लेकर नारायण के द्वारा मुक्ति को प्राप्त करेंगे। लीला में नारद मोह और उनके द्वारा भगवान विष्णु को दिये गये श्राप तथा ऋषि के श्राप के कारण अहिल्या के पाषण रूप में परिवर्तित होने की लीलाओं का भी भव्य चित्रण किया गया।
लीला मंचन के पहले दिन ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। वही बुधवार 11 अक्टूबर को देर रात तक चली माँ भगवती की आलोकिक चौकी में प्रसिद्ध पार्श्व गायिका एवं स्वर कोकिला जसपिन्दर नरूला ने अपने भजनों से सभी भक्तों को मंत्र-मुग्ध कर दिया।
लीला में अध्यक्ष ललित जायसवाल, महामंत्री भूपेन्द्र चोपड़ा, मंच मंत्री पवन गुप्ता, मंत्री गुलशन बजाज, तरूण चौटानी, नवेन्दु सक्सेना, आनन्द गर्ग, दिव्यांशु सिंघल उपस्थित रहे।