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पहाड़ों की रानी मंसूरी में ज्योतिषी समागम संपन्न

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उत्तराखंड – मंसूरी पहाड़ों की रानी मंसूरी में एक ज्योतिषी समागम संपन्न हुआ जिसमें देशभर के विद्वानों के साथ सूरीनाम, ताइवान, कनाडा, ब्रिटेन से भी कुछ ज्योतिष आचार्य पधारे। इस कार्यक्रम के आयोजक आचार्य सागर, आचार्य युगल किशोर, धर्मेंद्र बंसल पटवारी, विकास बत्रा और होटल मंसूरी क्लब के सीईओ अमन रहे। मुख्य अतिथि गुरु प्रोफेसर पवन सिन्हा रहे।

1 सितंबर को देश व नागरिकों की भलाई हेतु उज्जैन से पधारे विद्वान पंडित सुनील तिवारी व सहयोगी वर्गों ने हवन पूजन संपन्न किया। पवन सिन्हा ने कर्म करने पर जोर दिया की सकारात्मक सोच व कर्म से ही लाभ होगा। गुरु पवन सिन्हा के साथ सभा में उपस्थित विद्वानों द्वारा सवाल जवाब का भी कार्यक्रम चला, जिसमे सभी विद्वान गुरु पवन सिन्हा के जवाबो से संतुष्ट नज़र आये।

2 सितंबर 2023 को मंच के संचालक रहे आचार्य युगल किशोर एवं महामंडलेश्वर डॉक्टर संजीव महाराज सूर्यवंशी। जिसमें देवभूमि सहित भारत के अंदर आई भूकंप त्रासदी अधिक वर्षा देश में राशि परिवर्तन से प्रभाव के साथ वस्तु, टैरो, रेकी व अंक शास्त्र पर चर्चा की तथा वृक्ष लगाने पर जोर दिया गया। ये जानकारी दी गई की किस ग्रह की शांति के लिए कौन से वृक्ष लगाए। अंबाला से आए अनुराग कौशिक ने आधुनिक ज्योतिष पद्धति पर अपने विचार दिए।


मुंबई से फिल्म और टीवी कलाकार उर्मिला सनावर ने भी कार्यक्रम में भाग लिया उन्होंने अपने जीवन के अनुभव बताएं कि ज्योतिष ने कैसे उनके जीवन में परिवर्तन किया। उन्होंने बताया कि उनकी जन्मतिथि जन्म समय कुछ भी नहीं है लेकिन आचार्य सागर जी ने प्रश्न कुंडली के अनुसार उनका मार्गदर्शन किया और जैसा-जैसे उन्होंने बताया वैसा वैसा उनके जीवन में होता चला गया।

फिरोजपुर पंजाब से पधारे वरिष्ठ ज्योतिषी धर्मेन्द्र कुमार बंसल पटवारी ने टिल विज्ञानं पर अपना वक्तव्य दिया। विकास बत्रा ने लाल किताब ज्योतिष पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि लाल किताब ज्योतिष कोई टोने टोटके की किताब नहीं है। लोगों में भ्रांतियां फैली है कि यह कहीं बाहर से आई विद्या है जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है यह हमारी सनातन परंपरा से निकली हुई एक विद्या है जिसे आमजन को बहुत कम और सस्ते उपाय के द्वारा लाभ प्राप्त होता है। उज्जैन से आई बगलामुखी साधिका अर्चना सरमंडल ने ज्योतिष एवं साधना पर अपना ज्ञान दिया।

3 सितम्बर को सभी विद्वानों का यथासंभव प्रतीक चिन्ह, प्रमाण पत्र और उपहार देकर सम्मान किया गया तथा उपस्थित विद्वानों में मां उषा सिंह नीलू शर्मा आशा त्यागी अभिषेक पांडे कर्नाटक से प्रोफ़ेसर तेजराज नम्रता कुलकर्णी सरदार बक्शी सिंह बाबा पंडित मगध शास्त्री गुरुदेव शिवराज इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजर गुरवेज सिंह संजीव गुप्ता वैध महावीर आजाद शास्त्री सरदार मनमोहन सिंह हरविंदर सिंह हरी सतेंद्र श्रीवास्तव ने सभा को संबोधन किया।