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भागवत कथा का रसपान देवताओं के लिए भी दुर्लभ है : विष्णु दत्त सरस

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उत्तराखंड – हरिद्वार श्री सेवार्थ ट्रस्ट द्वारा परमार्थ आश्रम सप्तसरोवर हरिद्वार में आयोजित कथा व्यास पंडित विष्णु दत्त सरस की श्रीमद भागवत कथा शुरू हो गई। कथा के पहले दिन कथा व्यास पंडित विष्णु दत्त सरस ने भागवत कथा का माहत्म बताया।

उन्होंने कहा कि भागवत कथा अमृत से भी बढ़कर है। इसका रसपान देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। देवतागण भी भागवत कथा सुनने के लिए तरसते हैं। मनुष्य बहुत भाग्यशाली है कि उसे और मोक्ष प्रदान करने वाली, सभी कष्टों से छुटकारा दिलाने वाली व जन्म-जन्मांतर के पाप को नष्ट करने वाली श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करने का सौभाग्य मिलता है।

पंडित विष्णु दत्त सरस ने धुंधकारी मोक्ष एवं गोकर्ण प्रसंग की कथा सुनाई और कहा कि द्रौपदी व कुन्ती महाभागवत नारी है। कुन्ती स्तुति के बाद उन्होंने परीक्षित जन्म एंव शुकदेव आगमन की कथा सुनाई। भगवान के विराट स्वरूप का वर्णन कर उन्होंने सभी को भाव-विभोर कर दिया। अंत में संगीत एवं झांकी ने सबको कृष्ण रंग में सराबोर कर दिया।