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श्रीमद् भागवत कथा में सत्य स्वरूप योगेश्वर श्रीकृष्ण का वर्णन है :  कथा व्यास पंडित विष्णु दत्त सरस

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भगवान शिव महाशिवरात्रि पर अरूणाचल प्रदेश में अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे

यूपी – गाजियाबाद श्री सेवार्थ ट्रस्ट की ओर से पुरूषोत्तम मास के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा व श्री शिवपुराण कथा के दूसरे दिन भगवान शिव के प्रकट होने व परीक्षित प्रसंग का वर्णन किया गया। कथा सुनने के लिए सैकडों श्रद्धालु मौजूद रहे।

कथा व्यास पंडित विष्णु दत्त सरस ने कहा कि भगवान शिव पृथ्वी पर सबसे पहले महाशिवरात्रि के दिन अरूणाचल प्रदेश में अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। उन्होंने भगवान शिव की पूजा में शामिल होने वाले बेलपत्र, भस्म आदि के महत्व के बारे में भी बताया। श्रीमद् भागवत कथा में उन्होंने राजा परीक्षित के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से राजा परीक्षित को 7 दिन में श्राप से मुक्ति मिल गई थी। इस सनातन ग्रंथ में सत्य स्वरूप योगेश्वर श्रीकृष्ण का वर्णन है। यह कारण है कि इसका सच्चे मन से श्रवण करने मात्र से ही सभी प्रकार के कष्टों, बंधनों व जन्म-जन्मांतर के पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। इस कथा का महत्व इसी बात से लग जाता है कि श्रवण करने के लिए देवता भी अमृत कलश लेकर पधारे थे। कथा के बीच भजनों से भी उन्होंने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।