जल्दी न्याय न मिलने पर करेंगे आमरण अनशन
यूपी – गाजियाबाद श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कविनगर में चातुर्मास कर रहे मुनि श्री 108 अनुकरण सागर महाराज के दिशा निर्देशन में दिनांक 13 जुलाई को एक विशाल रैली आचार्य श्री 108 काम कुमार नंदी महाराज की हत्या के विरोध में निकाली गई। उसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री कर्नाटक सरकार को भेजा गया।
सोमवार को मुनि श्री ने अपने प्रवचन में केंद्र व राज्य सरकारों को ललकारते हुए कहा कि आचार्य काम कुमार नंदी महाराज के हत्यारों को गिरफ़्तार करके उचित कार्रवाई नहीं की गयी और देश में साधु संतों की रक्षा की व्यवस्था नहीं की गई है तो सम्पूर्ण विश्व का जैन समाज सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस जघन्य हत्याकांड के मामले में देश की सभी जातियों के साधु संतों को एक जुट होकर सरकार पर कार्यवाही हेतु दबाव डालना चाहिए क्योंकि ये घटना किसी के भी साथ घटित हो सकती है जो भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात है।
उन्होंने कहा जैन संप्रदाय में कोई भी साधु संत सरकारों से कुछ नहीं चाहते। इसके बावजूद आए दिन जैन साधुओं पर हमले हो रहे हैं जिस देश में साधु संत सुरक्षित नहीं है उस देश का क्या होगा यह भगवान ही जाने। कर्नाटक में तो सभी सीमाएं पार हो गई जहाँ आचार्य श्री काम कुमार नंदी महाराज को घोर यातनाएं दी गई उसके बाद उनके 9 टुकड़े करके अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिए गए जिसमें से कुछ अंग तो मिले भी नहीं इतना अत्याचार तो मुगल काल में भी किसी साधु संत पर नहीं हुआ। इस जघन्य हत्याकांड की जितनी भी निंदा की जाए कम है इस जघन्य हत्याकांड से भारत ही नहीं पूरे विश्व का जैन समाज आहत और आक्रोशित है। जैन साधु संतों और जैन समाज का केंद्र और राज्य सरकारों से विश्वास उठता जा रहा है क्योंकि आए दिन जहां जैन साधुओं पर हमले हो रहे हैं वहीं जैन तीर्थों पर भी कब्जे हो रहे हैं और पवित्र स्थानों को पर्यटन स्थल बनाकर अपवित्र करने की नाकाम कोशिश की जा रही है। यह सब जैन समाज को समाप्त करने की कोशिश है।
मुनि श्री ने कहा कि जैन समाज अहिंसा पर चलता है लेकिन नपुंसक नहीं है। जैन समाज ने श्री आदिनाथ, भरत चक्रवर्ती से लेकर भामाशाह तक हजारों राजा और योद्धा दिए हैं। जैन समाज देश प्रेमी है सबसे अधिक आयकर देता है जबकि संख्या बल में सबसे कम है। देश पर किसी भी तरह के संकट मैं दिल खोलकर दान देता है और देश व समाज हित में काम करता है।
उन्होंने अंत में कहा कि अगर आचार्य श्री 108 काम कुमार नंदी महाराज के साथ हुए जघन्य हत्याकांड में शामिल लोगों को पकड़कर जल्द से जल्द पर्दाफाश नहीं किया गया कि हत्यारों का उद्देश्य क्या था और उनके खिलाफ न्यायालय में उचित न्यायिक कार्रवाई नहीं हुई तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे। इस अवसर पर भारी संख्या में जैन समाज के महिला व पुरुष एकत्रित थे जिन्होंने हर प्रकार से अनशन और आंदोलन का समर्थन किया।