यूपी – गाजियाबाद एसएसडी जैन पब्लिक स्कूल में 16 मई से समर कैंप चल रहा था। यह कैम्प बच्चों की छिपी हुई प्रतिभाओं को संवारने व निखारने के लिए लगाया जाता है। इस कैंप में भारी संख्या में अपने स्कूल के साथ-साथ अन्य स्कूलों, समाज व आसपास के बच्चों ने भाग लिया। इस कैंप का बच्चों के माता-पिता पूरे वर्ष इंतजार करते हैं क्योंकि यह स्कूल जैन समाज द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य समाज के बच्चों को ऊंचा उठाकर उनके नैतिक संस्कार के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का भी ज्ञान अर्जित कराना है।
इस शिविर के माध्यम से बच्चों की छिपी हुई प्रतिभा बहार आती है तथा उनका विकास भी होता है। इसके माध्यम से छात्र- शिक्षक संबंध भी सुदृढं होते हैं, इसका परिणाम भी हमेशा सकारात्मक एवं प्रशंसनीय रहता है। इस कैंप में विद्यालय का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए अधिक ज्ञान देना है ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो। इस वर्ष के शिविर में नृत्य, इंग्लिश स्पीकिंग, कैलीग्राफी, आर्ट एंड क्राफ्ट, योगा, रिमेडियल क्लास व छोटे बच्चों के लिए फन एंड क्राफ्ट जैसी गतिविधियां उपलब्ध कराई गई थी। जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। बच्चे सालभर विद्यालय में पढ़ाई, एक्टिविटी, परीक्षा आदि के चलते हुए अपने आपको थका हुआ महसूस करते हैं। इस प्रकार के कैंप के माध्यम से बच्चे रिलैक्स होकर नए सत्र के लिए अपने को तरोताजा महसूस करते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव अजय जैन ने कहा कि एसएसडी जैन पब्लिक स्कूल का ध्येय तो यही है कि बच्चों की प्रतिभाएं का बहुमुखी विकास हो तथा वे इस कैंप के माध्यम से लाभान्वित हों।
कैंप के समापन पर बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें आकर्षक पुरस्कार और सर्टिफिकेट भी दिए गये। इसके अलावा सभी बच्चों को जिन्होंने इस समर कैंप में भाग लिया है तथा अपना योगदान दिया है उन्हें प्रोत्साहन प्रमाण पत्र भी विद्यालय की ओर से दिए गये। इस कैम्प और अधिक रुचिकर बनाने के लिए इस बार वाटर एक्टिविटी को भी शामिल किया गया है। नृत्य की अध्यापिकाए रचना जिंदल तथा स्वाति सिंघल ने बड़े उत्साह से बच्चों को नृत्य सिखाया, गिन्नी कर्दम ने योगा, आरुषि जैन ने कॉलिंग्राफी, निशा गुप्ता, सीमा, पायल ने क्राफ्ट और प्रतिभा गुप्ता और प्रीति ने इंग्लिश स्पीकिंग में बच्चों को पारंगत किया। प्रधानाचार्य लता चंद्रा प्रतिदिन कैंप का दौरा करके तथा अपने उपयोगी सुझाव देकर उसे और बेहतर बनाने का प्रयास करती रही। इस समर कैंप में सभी अध्यापकों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों को प्रयोगात्मक ज्ञान के साथ-साथ नैतिक शिक्षा व धर्म का ज्ञान जरूर दे क्योंकि आजकल हमारे देश की संस्कृति शनै शनै धूमिल हो रही है। बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं लेकिन उनका नैतिक पतन हो रहा है जिसके कारण वरिष्ठों को कोई महत्व नहीं दे रहे हैं तथा धर्म की ओर रुझान भी कम हो रहा है जबकि भारत अपनी संस्कृति के लिए ही विश्व में विख्यात है।