Screenshot_20221103-203604_YouTube
IMG-20230215-WA0382
a12
IMG-20230329-WA0101
IMG-20241030-WA0053.jpg
PlayPause
previous arrow
next arrow

ट्रू एस्ट्रोलॉजी रिसर्च इंस्टिट्यूट ने विशाल निशुल्क ज्योतिष परामर्श शिविर का किया आयोजन

Share on facebook
Share on whatsapp
Share on twitter
Share on google
Share on linkedin

दिल्ली – 21 मई 2023 को कम्युनिटी सेण्टर, ए.जी.सी.आर. एन्क्लेव गौरी शंकर मन्दिर के पास कड़कड़डूमा कोर्ट के सामने दिल्ली पर ट्रू एस्ट्रोलॉजी रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा विशाल निशुल्क ज्योतिष परामर्श शिविर का आयोजन किया गया जोकि बहुत सफल रहा।
इस शिविर में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रो के लोग ज्योतिष परामर्श के लिए आये। शिविर में वैदिक ज्योतिष, हस्त रेखा, कृष्णमूर्ति पद्दति, कस्पल इन्टरलिंक थ्योरी, अंकशास्त्र, नाडी ज्योतिष, लाल किताब आदि विधाओ के ज्ञाताओ द्वारा लोगो को उनकी समस्या का समाधान एवं समस्या के अनुरूप मार्गदर्शन दिया गया। डी.के.गुप्ता जोकि ज्योतिष की सबसे आधुनिक विधा कस्पल इन्टरलिंक थ्योरी पर काम करते है ने बताया की अधिकतर कुंडलियो में जन्म समय सही नहीं होता। क्यूंकि जब बच्चा पैदा होता है तो सबकी घडियो में अलग अलग समय होता है, इसलिए कुंडलिका फलित करने से पहले व्यक्ति के जन्म समय को सही करना जरुरी होता है।

आचार्य सागर ने बताया की अगर गहनता से ज्योतिष का अध्यन किया जाये तो ग्रहण, भूकंप आदि भविष्य में होने वाली प्राकृतिक घटनाओ की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। जिस प्रकार मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे उपर है, उसी प्रकार सभी वेदांगशास्त्रों मे ज्योतिष का स्थान सबसे उपर है। आचार्य सागर ने बताया की युवा वर्ग जो की अपने कैरिअर और विवाह को लेकर चिंतित है, कुछ  माता पिता भी अपने बच्चो की विवाह से पहले और विवाह के उपरान्त जीवन में आ रही परेशानी को लेकर चिंतित है तथा उनके जीवन में आ रही अस्थिरता और संघर्ष की स्तिथि को लेकर पशोपाश में है।
राजीव जैन वास्तु विशेषज्ञ ने लोगो को उनकी कुंडली के अनुसार और उनके घर के वास्तु के बारे में जानकरी दी की किस प्रकार थोड़े से परिवर्तन करने से ही व्यक्ति जीवन में सभी सुखो का लाभ ले सकता है।

शिविर में आए लोगो को उनकी कुडली के बारे में जानकारी दी गयी जिससे विशिष्ट, सामान्य व अति सामान्य लोग अपने जीवन में आने वाली कठनाइयों, चुनोतियों एवं ऐश्वेर्य से अवगत हो सके तथा दान, यज्ञ, जप, तप, संकल्प, विकल्प के माध्यम से अपने जीवन को सुखी व उन्नतशील बना सके।