यूपी – गाजियाबाद सैनी कुशवाहा वेल्फेयर सोसाइटी गाजियाबाद ने द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा ज्योति राव फुले के 196 वें जन्मदिन के उपलक्ष में 9 अप्रैल 2023 को हिन्दी भवन गाजियाबाद मैं एक समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा ज्योति राव फुले व सावित्रीबाई फुले के चित्रों पर पुष्पांजलि और राष्ट्रगान से किया गया। समारोह की अध्यक्षता विमल कुमार शाक्य ने की। मंच संचालन शिशु पाल सैनी महासचिव व चमन सिंह सैनी ने किया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद एवं हरियाणा सरकार में मंत्री रहे राजकुमार सैनी एवं उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता सीमा समृदधि कुशवाहा रहीं। बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा जो समारोह में आने वाले थे लेकिन अचानक उनकी माताजी के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण नहीं पहुंच सके लेकर उन्होंने अपना लिखित संदेश समारोह में पढ़ने के लिए भेजा। अध्यक्ष विमल कुमार शाक्य ने उनका संदेश पढ़ा।
बाबू सिंह कुशवाह ने महात्मा फुले व उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले के द्वारा महिला व कमजोर वर्ग के लिए शिक्षा किसान व मजदूरों के मानव अधिकारों के लिए किये गए संघर्ष की याद दिलाते हुए कहा कि आज की पीढ़ी अपने अधिकारों की सुरक्षा करना चाहती है तो संघर्ष करना होगा और सत्ता सरकार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि जो अपने वोट की कीमत नहीं समझता वो समाज पिछड़ जाता है। उन्होने जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी ” की बात कहते हुए कहा कि इसके लिए जाति आधारित जन गड़ना को आवश्यक बताया ।
पूर्व मंत्री राज कुमार सैनी ने समाज में फैले धार्मिक अज्ञान, पाखंड और पांडा परोहितों के द्वारा धर्म के धंधे को समझने व उससे बाहर आने के लिए जोर दिया ब्राह्मणों के पैदा की गए नकली देवी देवताओं, झूट मूठ के किस्से कहानियों द्वारा फैलाए जा रहे भय, डर की ब्राह्मणी चालों से बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया और संगठित रहने के लिए ललकारा।
उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने दिल्ली में निर्भय कांड हत्या और बलात्कार के अपराधिओं को दंड दिलवाने के लिए उनके द्वारा किए संघर्ष हाथरस में दलित बेटी के बलात्कार निर्मम हत्या व पुलिस प्रशासन की अमानवीय हरकतों के विरुद्ध मुकदमा लड़ने व अपराधिओं को सजा दिलाने में उनको जन का जोखिम भी लेना इत्यादि का भावुक वर्णन किया।
सभी माता पिताओं को कहा कि वे अपनी बेटियों को समाज में डर कर रहने की बजाय निडर बनाएं और उनको बेटों की तरह स्वतंत्रता से रहना सिखाए तो वे बेटो से जादा जिम्मेदारी निभाने में सक्षम होगी।
इस दौरान बच्चों द्वारा मनोरम सांस्कृतिक कार्यक्रम भी समारोह के आकर्षण रहे। वही विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले लगभग एक सौ बच्चों को पारितोषित दी गए। अंत में अदिति सैनी द्वारा लिखित निर्देशित महात्मा फुले व सावित्री बाई फुले के समग्र सामाजिक सुधार के लिए जीवन संघर्ष की जीवंत नाटिका का प्रस्तुति कारण किया गया।
इस अवसर पर जीतेंद्र शाक्य रामनिवास सैनी चन्द्र प्रकाश रेवती सरन सैनी नरेंद्र सैनी रामेश सैनी सतीश सैनी तिलकराज सैनी सानू प्रधान शिशुपाल सिंह चमन सिंह सैनी महन्द्र पाल शाक्य प्रदीप शाक्य गगन सैनी उपस्थित रहे।