यूपी – गाजियाबाद पर्यावरणविद सत्येंद्र सिंह ने होली के पर्व पर सभी से होली के अवसर पर एक कालोनी या एक सोसायटी में सिर्फ एक होली जलाने की अपील की है। हरे पेड़ों को न काटें तथा पर्यावरण की रक्षा करें।
सत्येंद्र सिंह ने कहा होली का त्यौहार पूरे उल्लास से मनायें लेकिन पर्यावरण का भी ध्यान रखें। पर्यावरण को बचाने के लिए हम जो भी करेंगे वो हम अपने बच्चों के लिए ही करेंगे। क्योंकि हमारे बच्चों को ही अब इसके दुष्प्रभाव झेलने पड़ेंगे। यदि हम एक कालोनी या एक सोसायटी में सिर्फ एक होली जलाएँगे तो पर्यावरण को बचाने में काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया हमने कई मोहल्लों में यह मुहिम चलाई है और इस मुहिम के चलते कई होलिका उत्सव समितियां इस बात के लिए राजी हो गई हैं कि वे अपने मोहल्लों में अधिक स्थानों पर होने वाले होलिका दहन की संख्या कम कर कुछ स्थानों पर सामूहिक रूप से होली जलाएंगे, जिससे लकड़ी की बचत व पर्यावरण की सुरक्षा हो सके।
उत्थान समिति के चैयरमैन सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि वे समिति सदस्यों के साथ शहर में कई स्थानों पर जाकर होलिका उत्सव समितियों के लोगों से चर्चा कर रहे हैं। कई अन्य स्थानों की समितियों के लोग राजी हो गए हैं कि वे अलग-अलग स्थानों की बजाए एक स्थान पर होलिका दहन का सामूहिक आयोजन कर उत्सव मनाएंगे। उन्होंने बताया कि वे लोगों को बता रहे हैं कि जिन मोहल्लों में दस स्थानों पर होलिका दहन होता है, वहां दो-दो समितियों के ग्रुप बनाकर पांच स्थानों पर ही होली जलाएं। साथ ही लकड़ी का कम व कंडों का अधिक उपयोग करें। उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि आवश्यक होने पर घरों में पड़ी अनुपयोगी लकड़ी का उपयोग किया जाए। लकड़ी का जितना कम उपयोग होगा, पेड़ उतनी ही संख्या में कम कटेंगे। सत्येंद्र सिंह पर्यावरणविद के अनुसार शहर में अभी डेढ़ हजार से अधिक स्थानों पर होलिका दहन होता है, जिसमें हजारों क्विंटल लकड़ी जलाई जाती है। उन्होंने कहा कि लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे होलिका दहन के लिए हरे-भरे वृक्षों को न काटें। लोगों ने पर्यावरण को बचाने के लिए इस बार कंडों से होली जलाने का संकल्प लिया है। उत्थान समिति द्वारा कंडे की होली जलाने के साथ जल संरक्षण के लिए भी सभी को प्रेरित किया जा रहा है।