यूपी – गाजियाबाद संत गाडगे बाबा के 147 वें जन्मदिन पर समाजवादी पार्टी कार्यालय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया तथा उनके जीवन के संघर्ष के बारे में विचार व्यक्त किए गए तथा उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए।
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ सपा नेता रमेश यादव ने कहा संत गाडगे बाबा समाज सुधार आंदोलन के प्रेरणादायक, अंधविश्वास व कुरुतियों के घोर विरोधी, शिक्षा स्वच्छता तथा लोक शिक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले, निष्काम कर्म योगी थे। उन्होंने कहा महाराष्ट्र के कोने-कोने में अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं, विद्यालय व चिकित्सालय तथा छात्रावासों का निर्माण कराने वाले संत गाडगे जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन करते हैं।
वरिष्ठ सपा नेता गुलाब यादव ने बताया संत गाडगे बाबा का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेणगांव अंजनगांव में हुआ था। उनका बचपन का नाम डेबूजी झिंगराजी जानोरकर था। उन्होंने महाराष्ट्र के कोने-कोने में अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं, विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का निर्माण कराया। यह सब उन्होंने भीख मांग-मांगकर बनावाया किंतु अपने सारे जीवन में इस महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई। उन्होंने धर्मशालाओं के बरामदे या आसपास के किसी वृक्ष के नीचे ही अपनी सारी जिंदगी बिता दी। एक लकड़ी, फटी-पुरानी चादर और मिट्टी का एक बर्तन जो खाने-पीने और कीर्तन के समय ढपली का काम करता था, यही उनकी संपत्ति थी। इसी से उन्हें महाराष्ट्र के भिन्न-भिन्न भागों में कहीं मिट्टी के बर्तन वाले गाडगे बाबा व कहीं चीथड़े-गोदड़े वाले बाबा के नाम से पुकारा जाता था। उनका वास्तविक नाम आज तक किसी को ज्ञात नहीं है। यद्यपि बाबा अनपढ़ थे, किंतु बड़े बुद्धिवादी थे। पिता की मौत हो जाने से उन्हें बचपन से अपने नाना के यहां रहना पड़ा था। वहां उन्हें गायें चराने और खेती का काम करना पड़ा था। सन् 1905 से 1917 तक वे अज्ञातवास पर रहे। इसी बीच उन्होंने जीवन को बहुत नजदीक से देखा। अंधविश्वासों, बाह्य आडंबरों, रूढ़ियों तथा सामाजिक कुरीतियों एवं दुर्व्यसनों से समाज को कितनी भयंकर हानि हो सकती है, इसका उन्हें भलीभांति अनुभव हुआ। इसी कारण इनका उन्होंने घोर विरोध किया।
इस अवसर प्रमुख रुप से रमेश चंद यादव एडवोकेट, अनुष्का सिंह, प्रदीप गहलोत, गुलाब सिंह यादव, कृष्ण कुमार यादव, रोशन, किशोर कुमार, मनोज पंडित, सतेंद्र सिंह भगत, दीपक शर्मा, राजन, शहनवाज आलम, अफसाना, सतेंदर शर्मा, अजय कुमार, ताहिर हुसैन, पूर्व महिला आयोग की सदस्य राज देवी चौधरी, सचिन सिद्धार्थ, किरण कालीया उपस्थित थे।