यूपी – गाजियाबाद गौरव सेनानियों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि गाजियाबाद में स्थांतरण पर आए प्रत्येक अफसर और कर्मचारी को ड्यूटी जोइन करने से पहले शहीद स्मारक पार्क पर जाने के लिए कहा जाए।
पत्र के माध्यम से उन्होंने जिलाधिकारी से कहा हम भारतीय वायु सेना, थल सेना और जल सेना से सेवा निवृत हुए गौरव सेनानियों का कहना है की किसी शहर की पहचान उसकी आर्थिक संपन्नता से कम बल्कि इस बात से अधिक होती है की उस शहर के लोग अपने शहीदों और दिव्यांगो का कितना ख्याल रखते हैं। आज के परिवेश मे हम सब किसी भी बिन्दु पर एक नहीं हैं। इसका सीधा कारण यह है की हम अपने शहीदों को, जो पूरे देश के होते हैं, वो सम्मान नहीं देते जिसके वो अधिकारी हैं।
उन्होंने कहा यदि एक नेता चुनाव हार जाए तो वो दुबारा चुनाव लड़ सकता है परंतु एक सिपाही तो अपनी जान का बलिदान केवल एक ही बार दे सकता है। इसीलिए इसे सर्वोच्च बलिदान कहा जाता है। सर्वोच्च बलिदान को सम्मान भी सर्वोच्च ही मिलना चाहिए। यह काम शहीद स्मारक पार्क पर शहीद स्तम्भ के सामने सर झुकाने से प्रारंभ हो और इसकी अगवाई प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी करें।
जब भी कोई प्राकृतिक अथवा क्रत्रिम आपदा आती है फौज को बुला लिया जाता है और स्थिति नियंत्रण मे आ जाती है। 140 करोड़ के हिंदुस्तान मे केवल 13 लाख की फौज। कुछ तो खास होगा फौज के सिपाहियों में।वह है कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन, प्रशिक्षण और ईमानदारी। यही सब कुछ सेवानिवृत्त सिपाहियों मे भी है। प्रत्येक सेवानिवृत्त सिपाही ने दुश्मन और मौत का सामना किया है और अत्यंत विषम परिस्थितियों मे रहा है परंतु सिविल सोसाइटी को इसकी जानकारी नहीं है। यह कार्य शहीद स्तम्भ से प्रारंभ होगा।
गौरव सेनानियों ने जिलाधिकारी से कहा हमारा आग्रह है की गाजियाबाद में स्थानतरण पर आने वाले प्रत्येक अधिकारी से यह अनुरोध किया जाए की वो ड्यूटी जॉइन करने से पहले शहीद स्तम्भ ( शहीद स्मारक पार्क, मेरठ रोड, मनन धाम मंदिर के सामने, गाजियाबाद ) पर फूल चढ़ाकर आए। आपकी यह पहल पूरे देश के लिए मिसाल बनेगी। इस अवसर पर गौरव सेनानियों में कर्नल तेजन्द्र पाल त्यागी वीर चक्र नेशनल प्रेजिडेंट राष्ट्रीय सैनिक संस्था, कप्तान एस एस सिरोही इंडियन एयर फोर्स एसोसिएशन भी मौजूद रहे।