हर साल 10 मिलियन लोग कैंसर से मरते हैं
यूपी – गाजियाबाद विश्व कैंसर दिवस पर लोगों को जागरूक करते हुए डॉ बृजपाल त्यागी ने कहा कि कैंसर से संबंधित 40% से अधिक मौतों को रोका जा सकता है क्योंकि वे धूम्रपान, शराब, तंबाकू के उपयोग, खराब आहार और शारीरिक निष्क्रियता के कारण मोटापे का बढ़ना। खाने व पीने की वस्तुओं में मिलावट का होना। हवा की गुणवत्ता का ख़राब होना। पीने का पानी साफ़ न होना। गुलमंजन में भी तुंबाकू होता हैं वह भी मशूड़े का कैंसर पैदा कर सकता है।
उन्होंने कहा कैंसर से संबंधित सभी मौतों में से कम से कम एक तिहाई को नियमित जांच और शुरुआती पहचान और उपचार के माध्यम से रोका जा सकता है। कम से मध्यम आय वाले देशों में 70% कैंसर से होने वाली मौतें होती हैं।
रोकथाम, शीघ्र पहचान और उपचार के लिए संसाधन उपयुक्त रणनीतियों को लागू करके हर साल लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
थ्रोट कैंसर :-
सिम्पटम्स
• गले में कुछ फँसा फँसा सा लगना।
• गले को बार बार साफ़ करने का मन करना।
• खांसी या मठारने के साथ खून के धब्बे आना।
• खाते या पीते अटकन लगना
• गले, दांत या कान में लगातार दर्द का बने रहना
मुँह के अंदर सफ़ेद, काले या लाल भब्बो का बन्ना।
• अचानक बिना चोट के दांत का हिलना या निकल जाना।
मुँह के छालो का इलाज के बाद भी 30 दिन तक ठीक नहीं होना।
• जीभ के ऊपर किसी दाने या छाले का ठीक न होना।
गर्दन में 1 सेंटीमीटर से जयादा गाँठ का पाया जाना।
बचाव :-
• ऊपर लिखे कोई भी लक्षण अगर पाये जाये तो तुरंत गले के डॉक्टर से सलाह ले।
• डॉ कि सलाह से सारी जाँच कराये।
अगर कैंसर निकलता है तो ऑपरेशन, कीमोथेरेपी व रेडिएशन का कम से कम खर्चा 10 लाख प्राइवेट अस्पताल में आता है । सरकारी अस्पताल में इलाज फ्री में हो सकता है लेकिन कैंसर मरिजो की भीड़ ज्यादा होने के कारण सबको समय से इलाज नहीं मिलता है और स्टेज -1 का कैंसर 3 या 4 स्टेज में पहुँच जाता है।