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जिलाधिकारी के मुकदमा दर्ज कराने के आदेश के बाद भी भू-माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नही

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यूपी – गाजियाबाद एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार भू माफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के फरमान दे रही है। वहीं दूसरी ओर मुरादनगर क्षेत्र के रहने वाले भूमाफिया राधे कृष्ण अरोड़ा पुत्र जयप्रकाश अरोड़ा के खिलाफ जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी आज तक एफ आई आर दर्ज नहीं की गई।
मुरादनगर हैंडलूम पावर एसोसिएशन के अध्यक्ष सतपाल चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि मुरादनगर पालिका के पूर्व चेयरमैन के पति राधे कृष्ण अरोड़ा पुत्र जयप्रकाश अरोड़ा एक अपराधिक प्रवृति का आदमी है। जिसने गांव उखलारसी की सरकारी भूमि को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर प्लाटिंग कर बेच दिया। उन्होंने बताया कि इस मामले की प्रशासन से शिकायत की गई। जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर जमीन खाली कराकर राधे कृष्ण अरोड़ा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए गए। लेकिन कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। उन्होंने बताया कि 19 अगस्त 2021 में जिलाधिकारी ने राधे कृष्ण अरोड़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए लेकिन सत्ता के संरक्षण में पल रहे भू माफिया के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने बताया कि एक बाद संख्या 7812/ 2018 में दायर हुआ। जिसमें बताया गया कि मुरादनगर में कूट रचित दस्तावेज बनाकर जमीन हड़प कर बेच दी उसके बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि लगातार पुलिस प्रशासन को भू माफिया के खिलाफ शिकायत की गई उन्होंने बताया कि पूर्व में बसपा व सपा सरकार के कार्यकाल में भी उसने सत्ताधारी नेताओं से सांठगांठ कर जमीन बेचकर कमाई की। यही नहीं खसरा नंबर 41 व 284 ग्राम उखलारसी में सरकारी नाले को पाटकर राधे कृष्ण अरोड़ा ने अवैध प्लाटिंग की। जिसकी शिकायत पूर्व जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा से की गई थी इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हुआ लेकिन पुलिस व सत्ताधारी नेताओं से सांठगांठ कर उस मामले में एफआर लगा दी गई। सतपाल चौधरी ने बताया कि वर्ष 2013 में राधे कृष्ण अरोड़ा ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की जिसमें 21 जुलाई 2013 को धारा 120 बी, 307 का मुकदमा पंजीकृत हुआ। उन्होंने बताया कि सपा बसपा के बाद अब यूपी में सत्ता धारी भाजपा पार्टी के नेताओं से मिलकर वह तमाम अनैतिक कार्यों में संलिप्त है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा 22 अगस्त 2009 को दिनदहाड़े नत्थू सिंह  निवासी उखलारसी की हत्या राधे कृष्ण अरोड़ा द्वारा की गई, जिसकी जांच को प्रभावित करते हुए उन्होंने सीबी सीआईडी द्वारा एफआर लगवादी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर मुकदमा चलाया गया, वर्तमान में जिला न्यायालय में 302 हत्या का मुकदमा चल रहा है।
चौधरी सतपाल सिंह ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि राधे कृष्णा अरोड़ा के खिलाफ भू माफिया के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए तथा अपराधिक मामलों में लिप्त होने के कारण उनके हत्यारों के लाइसेंस जप्त किए जाएं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से खुद की जान को खतरा बताते हुए राधे कृष्ण अरोड़ा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।