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उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य पर हुआ राष्ट्रीय सेमिनार

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यूपी – गाजियाबाद एम एम एच कॉलेज में ‘उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य, क्रियान्वयन और इसकी चुनौतियां’ विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में मुख्य वक्ता चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवं भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ बीरपाल सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर व्यापक प्रकाश डाला।

डॉ बीरपाल सिंह ने कहा कि यह आत्मनिर्भर और अतुल्य भारत बनाने के स्वप्न का सबसे महत्वपूर्ण अवसर है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय मूल्यों से संचालित एक समावेशी शिक्षा पद्धति का विकास करना है जिससे रोजगार की संभावना से युक्त बेहतर नागरिक बन सकें। इससे शिक्षा की नई आधारभूत नियमन, मूल्यांकन, अनुदान एवं प्रतिमानीकरण के स्वायत्त आयोग बनाए जाएंगे जो उच्च शिक्षा आयोग के अंतर्गत काम करेंगे। इसी के अनुरूप प्रदेश सरकार भी एक पाठ्यक्रम और ABACUS जैसे पोर्टल का विकास किया है ताकि एक राष्ट्रीय एकेडमिक बैंक को स्वरूप दिया जा सके।

अतिथि वक्ता डॉ भूपसिंह गौर ने शिक्षा नीति की सामाजिक दृष्टि से समीक्षा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर यह बातचीत नए संदर्भ रखती है। शिक्षा का उद्देश्य धार्मिक, भाषायी, क्षेत्रीय एवं लैंगिक बंधनों से मुक्त कर वैश्विक नागरिक तैयार करना है। किंतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति के स्वप्न और शिक्षा की आधारभूत संरचना के पिछले आंकड़ों से मिलान करने पर यह स्वप्न ही लगता है।

विद्यावती महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ प्रो शिखा सिंह ने कहा कि यह नीति जितनी नवाचार को बढ़ावा देती है उतनी ही विशद है। हम जितनी बार इसपर बात करते हैं इसके नए आयाम खुलते हैं।
सेमिनार के विशिष्ट वक्ता शंभू दयाल कालेज के प्राचार्य डॉ प्रो अखिलेश मिश्र ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बाद भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करना और विश्व के अग्रणी संस्थानों में अपनी जगह बनाने के लिए यदि हम स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में शामिल नहीं होते तो समय के साथ हमारा अप्रासंगिक हो जाना अवश्यंभावी है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष एम एम एच कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रो पीयूष चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्य और चुनौतियां बड़ी हैं लेकिन यह समय शिक्षा नीति की भावना को हकीकत में बदलने का समय है। हालांकि शिक्षक के स्तर पर कार्य पद्धति और कार्यभार दोनों बढ़े हैं। पर यदि इसे पूर्ण कर लिया गया तो यह युवाओं को कौशल प्रदान कर रोज़गार की समस्या को हल कर देगी।
इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। संयोजन डॉ कामना यादव एवं डॉ आभा दुबे का रहा एवं आयोजन सचिव डॉ शालू त्यागी और डॉ राखी द्विवेदी ने संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ आभा दुबे ने किया। कार्यक्रम आयोजन में डॉ राकेश कुमार एवं डॉ मनोज कुमार का विशेष योगदान रहा। इस सेमिनार में फुपुक्टा उपाध्यक्ष डॉ अजीत सिंह, ए के पी महाविद्यालय खुर्जा की प्राचार्या डॉ डिंपल विज, मूटा उपाध्यक्ष डॉ सुभाषिनी शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ केशव कुमार, डॉ प्रभा सिंह, डॉ मीनाक्षी सक्सेना, डॉ सुता कुमारी, डॉ वंदना सैमेल्टी, डॉ रीना सिंह, डॉ पूनम गुप्ता, डॉ आर एस यादव, डॉ स्मृति रायजादा, डॉ मृदुला वर्मा, डॉ वंदना द्विवेदी, डॉ सीमा कोहली, डॉ दीप्ति रानी डॉ रत्ना शेरी, डॉ अनुराधा सिंह, डॉ निशा अग्रवाल, डॉ हरिदत्त सहित अन्यान्य शिक्षकगण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।