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वड़ोदरा में जेनस्ट्रिंग्स की सैटेलाइट लैब से अब उच्च विज्ञान परीक्षण हुआ अधिक सुलभ

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गुजरात – वड़ोदरा जेनेटिक डायग्नोस्टिक्स और स्पेशलाइज्ड पैथोलॉजी में अग्रणी जेनस्ट्रिंग्स ने वड़ोदरा, गुजरात में लैब का उद्घाटन किया।

मुख्य अतिथि आदिवासी समाज उद्धारक जैन संत डा0 गणि राजेन्द्र विजय सा० ने डॉ. रजत अरोड़ा ग्रुप डायरेक्टर यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स एवं एवं जनस्ट्रिंग के सह-संस्थापक दिल्ली-एनसीआर के साथ वड़ोदरा गुजरात में लैब का उद्घाटन किया। वही लैब के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि आदिवासी समाज उद्धारक जैन संत डा0 गणि राजेन्द्र विजय सा० ने अपने हेल्थ चेक के लिए सैंपल दिया।

लॉन्च का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में विश्वसनीय नैदानिक समाधान प्राप्त करने को आसान बनाना है। यह पैथोलॉजी लैब अत्यंत कम समय में विश्वसनीय परिणाम प्रदान कर आम जनता के लिए विशेष रूप से लाभप्रद होंगे। यह प्रयोगशालायें चिकित्सा के विश्व स्तरीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए विकसित की गयी हैं। इनसे नियमित रोगविज्ञान, उन्नत आनुवंशिकी और निवारक स्वास्थ्य देखभाल के लिए समग्र समाधान प्रदान कर सर्वोत्तम नैदानिक समाधान का लक्ष्य आसान हो जायेगा।

डॉ. रजत अरोड़ा ग्रुप डायरेक्टर यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स एवं जनस्ट्रिंग के सह-संस्थापक ने कहा हमने महामारी से जो सीखा वह यह था कि समय पर रिपोर्टिंग के साथ गुणवत्ता और उत्तम निदान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने की कुंजी है। इसलिए, हम सभी के लिए सस्ती कीमतों पर विशेष पैथोलॉजी और उच्च अंत आनुवंशिक परीक्षण उपलब्ध कराने का इरादा रखते हैं। यह हमारी बड़ी विस्तार रणनीतियों में से एक नियोजित चरण है और हम जल्द ही विभिन्न राज्यों में हब एंड स्पोक मॉडल में और अधिक लैब लॉन्च करेंगे। कुल मिलाकर 2022 नए डायग्नोस्टिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन-होम डायग्नोसिस के साथ इनोवेशन का वर्ष होगा।

मदर प्लाजा कॉम्प्लेक्स, अजवा-पानी गेट रोड वड़ोदरा, में स्थित पैथोलॉजी लैब आसपास के इलाकों के लोगों के लिए सुलभ और सुविधाजनक रहेगी।

महामारी के दौरान जेनेस्ट्रिंग देश की पहली प्रयोगशाला थी, जिसने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक आरटीपीसीआर परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की, जो 4 घंटे में आरटीपीसीआर परिणाम दे रही थी, जब विकसित देशों को भी परिणामों के लिए 24-48 घंटे लग रहे थे। जेनस्ट्रिंग्स तब सबसे बड़ी कोविड – 19 परीक्षण सुविधाओं में से एक बन गई, जो प्रति दिन 20,000 से अधिक परीक्षण करती थी।