धर्म की रक्षा के लिये प्राण देना सन्यासी का सबसे पहला कर्तव्य : महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी
यूपी – गाजियाबाद डॉ अरविंद वत्स अकेला, कमलेश तिवारी के मित्र सरोज नाथ, श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार पण्डित राजेशमणि त्रिपाठी और झारखंड पुलिस के सेवानिवृत्त निरीक्षक रणविजय सिंह ने आज शिवशक्ति धाम डासना में अपना पिंडदान करके सन्यास की दीक्षा ग्रहण की।
नव सन्यासियों को शिक्षा देते हुए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा की अब डॉ अरविंद वत्स ‘अकेला’ अकेले नहीं है बल्कि यति निर्भयानंद के रूप में सदैव माँ और महादेव का आशीर्वाद उनके साथ रहेगा।सन्यासी का पहला कर्तव्य ही धर्म की रक्षा के लिये अपने प्राणों का बलिदान करना है। योगी सरोजनाथ व पण्डित राजेशमणि त्रिपाठी ने सनातन धर्म की सेवा और रक्षा के लिये बहुत कष्ट सहन किये हैं। धर्म का मार्ग बहुत दुष्कर होता है परन्तु परमात्मा उसी से प्रसन्न होते हैं जो धर्म की रक्षा के लिये प्राण देता है। आज शिवशक्ति धाम डासना के दीक्षित सन्यासी सम्पूर्ण भारतवर्ष में धर्म रक्षा की अलख जगा रहे हैं। उन्होंने कहा इन चारों योद्धाओं के सन्यास लेने से धर्म रक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा और इस्लाम के जिहादियों के विनाश का पथ सुनिश्चित होगा।
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सर तन से जुदा गैंग से पीड़ितों ने शिवशक्ति धाम डासना में ली सन्यास दीक्षा
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