यूपी – गाजियाबाद केंद्र सरकार यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी महिला उत्पीड़न के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जिले का पुलिस प्रशासन भी महिला उत्पीड़न के मामले में बेहद गंभीर है। लेकिन विजय नगर पुलिस दो सगी बहनों के साथ हुई दरिंदगी के मामले में मुकदमा दर्ज होने के डेढ़ महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है। हां इतना जरूर किया है कि आए दिन पीड़िताओं को ही चौकी में बुलाकर उटपटांग सवाल-जवाब कर उनके साथ मानसिक बलात्कार कर रही है।
पुलिसिया कार्रवाई से आहत दोनों बहनों ने शुक्रवार को एसएसपी से मिलकर आपबीती बताई। एसएसपी मुनिराज जी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी को कार्रवाई के निर्देश देते हुए पीड़िताओं को आश्वस्त किया है।
बता दें कि विजय नगर क्षेत्र की एक कॉलोनी में रहने वाली दो सगी बहनों के साथ कॉलोनी के ही दो भाइयों ने बहला-फुसलाकर पहले उनके साथ रेप किया फिर शादी का झांसा देकर बराबर उनके शरीर से खेलते रहे। एक लड़की के प्रेग्नेंट होने पर परिजनों को पता चला तो उन्होंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। पहले तो पुलिस टालमटोल करती रही बाद में एसएसपी मुनिराज जी के हस्तक्षेप पर 16 जुलाई को आरोपियों व उनके मां-बाप के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की। लेकिन आज तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। पीड़ित पक्ष ने कई बार पुलिस को फोन कर नामजद आरोपी की मौजूदगी की जानकारी दी लेकिन गिरफ्तारी नहीं की। पीड़िताओं ने एसएसपी से विजय नगर पुलिस और आरोपियों की सांठगांठ बताया है। आरोप है कि पुलिस ने 4 सितंबर को पीड़ित पक्ष की सूचना पर आरोपी के नामजद पिता को हिरासत में लिया था लेकिन आरोपी ने एक केस में हाई कोर्ट से स्टे का हवाला दिया। जबकि दूसरे केस में स्टे ना होने के बाद भी पुलिस ने जेल ना भेज कर मामूली धारा में चालान कर दिया। जिससे वह कोर्ट से छूट गया। संगीन धाराओं के बाद भी पुलिस ने आरोपी को केवल मारपीट के मामले में चालान किया जिससे साफ साबित होता है कि पुलिस आरोपियों से मिली हुई है।