यूपी – गाजियाबाद मंहगाई-बेरोजगारी-खाद्य सुरक्षा और वृद्धा, विधवा, विकलांग पेंशन आदि मुद्दों को लेकर 23 अगस्त को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति गाजियाबाद जिला कमेटी ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करके प्रधान मन्त्री व मुख्य मंत्री को संबोधित ज्ञापन ए डी एम प्रशासन ऋतु सुहास को दिया गया।
प्रदर्शनकारियों को संगठन (ऐडवा) की राज्य महासचिव कॉमरेड आशा शर्मा, जिला सचिव नीरु सिंह, कोषाध्यक्ष सुमन सिंह द्वारा संबोधित किया गया। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा हमारा संगठन आपका ध्यान देश में अंधाधुन्द बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी की ओर दिलाना चाहता है। हमारे देश में उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ाये जा रहे हैं। जबकि दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस के दाम कम हुए हैं लेकिन हमारे देश में लगातार पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी होने से सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके कारण आम आदमी का जीना दूभर हो रहा है और सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को अपनी रसोई चलाने में हो रही है।
राशन वितरण प्रणाली में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, राशन कार्ड भी कुछ ही लोगों के बनाए गए हैं और उस पर भी सड़ा हुआ अनाज लोगों को दिया जाता है। नए राशन कार्ड की प्रक्रिया पूरी तरह बंद है, पुराने राशन कार्ड बड़े पैमाने पर निरस्त भी कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार अपने बजट से नए राशन कार्ड बनाने को तैयार नहीं है और जिनके पास राशन कार्ड हैं उनको केवल गेहूं चावल दिया जाता रहा है और अभी कुछ दिनों से गेहूं देना बंद करके केवल चावल वितरित किया जा रहा है, वह भी पूरा राशन दिया नहीं जाता है। जबकि रसोई चलाने के लिए आवश्यक वस्तुएं चीनी, दाल, सरसों तेल एवं साबुन वगैरह की मांग को सरकार द्वारा लगातार अनसुना कर दिया जाता है। हमारे सामने केरल सरकार एक मिसाल है जो अपने ही बजट से आम जनता को 14 वस्तुओं की पूरी राशन किट कार्ड धारक को देती है। इसके अलावा वृद्धा-विधवा पेंशन का प्रावधान बुजुर्ग व अक्षम्य लोगों की दुर्गति देख कर और खासकर महिलाओं को ध्यान में रखते हुए उनके लिए ये पेंशन का प्रावधान किया गया था, उत्तर प्रदेश में तो मात्र 500 रुपए ही पेंशन दी जाती है, लेकिन कुछ दिनों से वह भी बड़े पैमाने पर बंद कर दी गई है। कारण हम भी जानते हैं पर इतना जरूर समझते हैं कि सरकार के पास संसाधन इतने तो हैं कि अपने वृद्धों की देखभाल कर सकें।
इन हालात में हमारी मांग है कि महंगाई पर रोक लगाई जाए और पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस के दाम कम किए जाएं। राशन की दुकान नियमित खोली जाए और दुकान का नंबर तथा खुलने का समय दुकान के बाहर लिखा जाए। राशन की मात्रा दुकानदार की मर्जी से नहीं बल्कि नियमानुसार तय की जाए और एक ही दुकान से पूरा राशन मुहैया कराया जाए। राशन की दुकान से पूरा राशन किट मुहैया कराया जाए जिसमें गेहूं, चावल, चीनी, दालें, सरसों तेल, साबुन, चाय, सेनीटाइजर इत्यादि दिया जाए। वृद्धा-विधवा व विकलांग तीनों पेंशन शीघ्र बहाल की जाएं और हमारे संगठन को बताया जाए कि पेंशन बहाल कब की जाएंगी, साथ ही पेंशन की राशि बढ़ाई जाए और कम से कम 5000 रुपए प्रति व्यक्ति पेंशन दी जाए।