यूपी – गाजियाबाद राष्ट्रीय शांति वाहिनी ने देश में सद्भावना व संस्कृति के बढ़ावा देने के साथ-साथ धर्मनिरपेक्षता और आपसी भाईचारे के बल पर भारत को विश्व गुरु के साथ-साथ विश्व शांति दूत बनाने की कवायद शुरू की है।
सोमवार को नवयुग मार्केट में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी जीवनऋषि महाराज ने अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों से परिचय कराते हुए कहा की हमारा देश भारत सद्भावना व संस्कृति प्रधान देश रहा हैं, जहाँ राम के साथ रहीम, गुरुनानक और जीसस की पूजा समान रूप से को जाती है। उन्होंने कहा बात जहाँ तक वर्तमान परिवेश में बिगड़ते आपसी सौहार्द की हैं, इसका साक्ष्य शास्त्रो, महापुराणों में भी मिलता है, जहाँ धर्म है वहाँ अधर्म भी हैं, जहाँ सत्य हैं वहाँ असत्य भी हैं, अर्थात कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले लोगों की वजह से ही समाज दूषित हो जाता हैं, इसलिए हमे चाहिए की हर हिंदुस्तानी के मन में धर्म निर्पेक्षता, आपसी भाईचारा, एक दूसरे धर्म या वर्ग के प्रति सद्भावना तथा इंसानियत युक्त विचार धारा का वास हो और आपस में लड़ने भीड़ने वाला माहौल नही बने। उन्होंने संगठन द्वारा समाज में किये जा रहे राष्ट्र हीत गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा की अभी 7/8 राज्यों में हम अपने पदाधिकारियों / सदस्यों के माध्यम से महिलाओ / बच्चो / गरीब असहायों के बीच जाकर उनकी अधिकारों की रक्षा और सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए वहाँ के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर समाजिक सौहार्द को बनाए रखने में तत्पर है। इस अवसर पर भारत बचाओ संविधान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गुर्जर ने कहा कि देश में चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल है और राजनीतिक दल पूरी तरह चुप हैं ऐसे में सामाजिक संगठनों को मिलकर संघर्ष करना होगा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी डॉ अरविंद आनंद ने कहा कि देश में अमन शांति चयन बनाए रखने के लिए आपसी भाईचारा एकता अखंडता वाली सद्भावना को जीवित रूप से महत्व देना होगा हमें अपने अंदर इंसानियत निस्वार्थ सेवा भावना को मजबूत बनाए रखना होगा तभी राष्ट्रीय शांति वाहिनी का मिशन सफल होगा।