यूपी – गाजियाबाद कारगिल विजय दिवस के अवसर पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय द्वारा बुधवार को कारगिल शहीद एवं वीरता पुरस्कार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री कैप्टन विकास गुप्ता ने कहा कि कारगिल एक बहुत ही विकट परिस्थितियों में लडा गया युद्ध था। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें दुश्मन ने छिपकर वार किया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में देश को सैंकडों सैनिक खोने पडे जिनकी कभी भरपाई नहीं हो सकती।
कैप्टन विकास गुप्ता ने युद्ध के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान वह तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सुरक्षा में तैनात थे। कारगिल युद्ध में शहीद एक जाबांज सैनिक के शव को पालम गांव में उनके परिजनों को सौंपने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गयी। जब वह शव लेकर सैनिक के घर पहुंचे और उनकी माता जी ने शव देखा तो वह हंस पडी और गर्व से कहा कि मेरे बेटे ने भारत मां की रक्षा में वीरगति पाई, जिसका मुझे फक्र है। यह देखकर वहां मौजूर हजारों लोगों की आंखें नम हो गयी।
कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों ने भी अपने संस्मरण सुनाये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य मलिक ने की। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीद सैनिकों के आश्रितों श्रीमती राजकुमारी पत्नि शहीद नायक ओमप्रकाश, श्रीमती शकुन्तला देवी पत्नि शहीद नायक चमन सिंह, श्रीमती चम्पा देवी माता शहीद सुरेन्द्रपाल तथा सेना के सर्वोच्च पदक विजेता श्रीमती इन्दु कसाना पत्नि शहीद ब्रिगेडियर अमरिन्द्र सिंह कसाना, वीर चक्र तथा कैप्टन जसविन्दर सिह जैस्स, कीर्ति चक के माता पिता को प्रतीक चिन्ह एवं शॉल उढाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कैप्टन (आई.एन) राकेश शुक्ला, अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास तथा कार्यालय के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।
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कारगिल विजय दिवस पर शहीदों के आश्रितों को किया सम्मानित
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