श्रावण मास में शिवलिंग पूजा का है विशेष महत्व
आचार्य शिव कुमार शर्मा आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य – भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए साधक गण तरह-तरह के आयोजन करते हैं।शिवलिंग के विभिन्न रूपों की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है।
पारद के शिवलिंग की पूजा बहुत ही लाभदायक बताई गई है। पारद को रसराज भी कहते हैं। पारा नामक धातु को शोधित करके वैदिक विधि एवं प्रयोगों से इसका निर्माण किया जाता है। यह स्वयं ही प्राण प्रतिष्ठित होता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्यायाः शतानि च।
तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात् ।।
स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम् ।
इस श्लोक के अनुसार करोड़ों शिवलिंगों के पूजन से जो फल प्राप्त होता है, उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से प्राप्त होता है।
पारद (पारा) को रसराज कहा जाता है। पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का ही रूप है इसलिए इसकी पूजा विधि-विधान से करने से कई गुना फल प्राप्त होता है तथा हर मनोकामना पूरी होती है। घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस व फैक्टरी में व्यापार को बढाने के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं। पर इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिवत की जानी चाहिए।
पारद शिवलिंग घर में रखने से क्या होता है?
श्रावण के महीने में शिव पूजा बहुत ही लाभदायक है। यदि आपको पारद शिवलिंग मिल जाए तो आपके परम सौभाग्य की बात है।
श्रावण मास में पारद शिवलिंग लाकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में शिव परिवार की अथवा पार्वती शिव की तस्वीर है तो पारद शिवलिंग को उन्हीं के समक्ष स्थापित करें। चांदी, तांबा अथवा पीतल की प्लेट में सफेद वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान करें। उससे पहले उन्हें गंगाजल आदि से शुद्ध करें। भगवान शिव के मंत्रों से उनका आह्वान करें ।
ओम् नमः शिवाय
ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
आदि मंत्रों से एक अथवा दो माला का जाप करके उन्हें अपने आसन पर विराजमान करें।
प्रातः अपनी नियमित पूजा के साथ साथ उन पर गंगाजल, धूप दीप, पुष्प आदि चढ़ाएं अथवा चंदन का लेप करें तथा प्रार्थना करें।
घर में पारद शिवलिंग की पूजा कैसे करें?..
. स्वयं पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुँह करके बैठ जाए। अपने आसपास जल, गंगाजल, रोली, मोली, चावल, दूध और हल्दी, चन्दन रख लें। सबसे पहले पारद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जला कर रखें। श्रावण के सोमवार अथवा शिवरात्रि को इनका विशिष्ट पूजन करें।
पारद शिवलिंग पूजन के लाभ
पारद शिवलिंग में भगवान शिव का निवास होता है। जिस घर में पारद का शिवलिंग होता है उस घर में तंत्र मंत्र आदि का कोई प्रकोप नहीं हो सकता।
विद्यार्थियों को मेघा वृद्धि के लिए चंदन का लेप करें और ओम् नमः शिवाय का जाप करने से विद्या, बुद्धि और मेघा की वृद्धि होती है।
स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए महामृत्युंजय मंत्र से नियमित पूजन करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। घर में प्रसन्नता और शांति के लिए पारद शिवलिंग की पूजा करने से घर में खुशहाली आती है।
विवाह योग्य युवक-युवतियां पारद शिवलिंग के समक्ष बैठकर विशिष्ट मंत्रों से पूजा करें और अपने लिए वर वधू प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। इससे शीघ्र मनोकामना पूरी होती है।
व्यवसाय स्थल पर पारद शिवलिंग की स्थापना करने से व्यवसाय में निरंतर वृद्धि होती है। पारद शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
पारद शिवलिंग के स्थापना कर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से घर में धन, वैभव, लक्ष्मी स्वास्थ्य सदैव बने रहते हैं।