यूपी – गाजियाबाद, 26 दिसंबर 2025 को ज्ञानपीठ केन्द्र-1, स्वरूप पार्क, जी.टी. रोड साहिबाबाद के प्रांगण में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री, प्रख्यात अर्थशास्त्री एवं शिक्षाविद डा. मनमोहन सिंह की स्मृति में “भारत में आर्थिक विषमता और निदान” विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुँचाना रहा। गोष्ठी की अध्यक्षता संस्था के संस्थापक एवं समाजवादी चिंतक राम दुलार यादव ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत डा. मनमोहन सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने से हुई। उपस्थित वक्ताओं ने भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में उनके योगदान की सराहना की। अपने संबोधन में राम दुलार यादव ने कहा कि डा. मनमोहन सिंह ने कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तथा पंजाब विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी पदों पर रहते हुए ईमानदारी और दक्षता से सेवाएं दीं। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत कर भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी, जिससे विदेशी निवेश बढ़ा और लाइसेंस राज का अंत हुआ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए डा. मनमोहन सिंह ने मनरेगा, शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार और आधार जैसी जनहितकारी योजनाएं देश को दीं। वे एक ऐसे दूरदर्शी नेता थे जिनका विरोधी भी सम्मान करते थे। राम दुलार यादव ने वर्तमान समय में बढ़ती आर्थिक असमानता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संपत्ति का बड़ा हिस्सा सीमित वर्ग के पास सिमटता जा रहा है, जो लोकतंत्र और संविधान की भावना के विपरीत है।
गोष्ठी में वीर सिंह सैन, उमेश यादव, राजपाल यादव, राजीव गर्ग, साहिल, संजय सिंह, प्रेमचंद पटेल, अमन कुमार आजाद, हरिकृष्ण, अमर बहादुर सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। सभी ने डा. मनमोहन सिंह के विचारों को आज के भारत के लिए प्रासंगिक बताया।




