यूपी – गाजियाबाद। गांधर्व संगीत महाविद्यालय, गाजियाबाद का 44वाँ वार्षिकोत्सव 25 दिसंबर 2025 को हिन्दी भवन, लोहिया नगर में अत्यंत गरिमामय एवं सांस्कृतिक वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ, जिसके पश्चात वन्दे मातरम् की भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई।
इसके बाद “जय जगदीश हरे” आरती तथा सूरदास रचित भजन अंखियाँ हरि दर्शन की प्यासी का सुमधुर सामूहिक गायन हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। वार्षिक रिपोर्ट निदेशक डॉ. तारा गुप्ता द्वारा प्रस्तुत की गई, जिसमें महाविद्यालय की शैक्षिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। संरक्षक सुभाष गर्ग के स्वागत भाषण ने सभी का मार्गदर्शन किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में गणेश वंदना, कत्थक एवं भरतनाट्यम की मनोहारी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। छनन छनन नाचे गिरधारी भजन पर सामूहिक कत्थक नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। रागमाला गायन तथा अंतरराष्ट्रीय महाकवि कुँवर बेचैन की रचना नदी बोली समुन्दर से पर एकल नृत्य ने कार्यक्रम को भावनात्मक ऊँचाई प्रदान की।
ब्रज की होली पर आधारित मचावत धूम आज व्रज में और देवी स्तुति ओम शक्ति पर समूह नृत्य ने शास्त्रीय परंपरा की सशक्त झलक प्रस्तुत की। गिटार विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत बॉलीवुड गिटार मेडले तथा फिल्मी गीतमाला गायन ने आधुनिक और शास्त्रीय संगीत का सुंदर समन्वय दिखाया।
कार्यक्रम के अंत में शिक्षक एवं विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि सौरभ भट्ट एवं अध्यक्ष दिनेश गोयल के आशीर्वचनों ने सभी को प्रेरित किया। सामूहिक फोटो एवं महासचिव सुशील कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। जलपान व्यवस्था ने आयोजन को पूर्णता प्रदान की।




