यूपी – गाजियाबाद, केंद्र सरकार द्वारा 21 नवंबर 2025 को चार लेबर कोड लागू करने के लिए जारी की गई अधिसूचना के विरोध में 23 दिसंबर 2025 को सीटू गाजियाबाद के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मजदूरों ने भाग लेकर सरकार की श्रम नीतियों का विरोध जताया।
धरने को संबोधित करते हुए सीटू के अखिल भारतीय सचिव सुदीप दत्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों के हित में 29 श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड बनाए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार और मजदूरों के व्यापक विरोध के कारण ये कानून अब तक लागू नहीं हो सके थे, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के बाद सरकार ने फिर से इन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन कोड के लागू होने से मजदूरों के अधिकार समाप्त हो जाएंगे, यूनियन बनाना और हड़ताल करना लगभग असंभव हो जाएगा तथा काम के घंटे बढ़ जाएंगे, जबकि वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा, जो उनकी सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय है। स्थायी रोजगार की जगह फिक्स टर्म और ठेकाकरण को बढ़ावा मिलेगा। बोनस और नोटिस वेतन जैसे अधिकार भी प्रभावित होंगे।
सीटू दिल्ली एनसीआर के राज्य महासचिव अनियन पी वी ने कहा कि मजदूर संगठन पिछले पांच वर्षों से इन कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और आगे भी इन्हें लागू नहीं होने दिया जाएगा। फरवरी 2026 के दूसरे सप्ताह में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी की जा रही है।
जिला महासचिव जी एस तिवारी ने बताया कि गाजियाबाद और हापुड़ के औद्योगिक क्षेत्रों में लगातार प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। प्रदर्शन के बाद जुलूस निकालकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष वेदपाल नागर ने की।




