यूपी – लखनऊ, विधान परिषद सत्र के दौरान सदस्य विधान परिषद दिनेश कुमार गोयल और विजय बहादुर पाठक ने प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में फैली गंदगी तथा स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही अनियमितताओं का मुद्दा सदन में जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य स्वच्छता अभियान सक्रिय है, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों में स्वच्छता की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है।
सदन में बताया गया कि प्रदेश के अनेक स्कूलों और कॉलेजों में शौचालयों की सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है। कई स्थानों पर पानी और साबुन जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में शौचालयों में दरवाजे और खिड़कियों के शीशे तक नहीं हैं, जिससे छात्राओं को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ता है। आईटी गुरूनानक गर्ल्स पीजी कॉलेज समेत एक दर्जन से अधिक कॉलेजों की स्थिति बद से बदतर बताई गई। गाजियाबाद, आजमगढ़, बरेली, जौनपुर और पीलीभीत जैसे जिलों का भी उल्लेख किया गया। महिला विद्यालयों में सैनिटरी नैपकिन की व्यवस्था न होने पर भी चिंता जताई गई।
इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा गया कि सरकार द्वारा बंद किए गए निजी अस्पतालों को कुछ लोग नए नाम से पुनः संचालित कर रहे हैं। जबकि नियमों के अनुसार नए अस्पताल के पंजीकरण से पहले स्थलीय निरीक्षण अनिवार्य है। इसके बावजूद बंद अस्पतालों का दोबारा संचालन होना विभागीय लापरवाही और निगरानी की कमी को दर्शाता है। इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई।




