हरनंदीपुरम योजना, ट्रैफिक सिस्टम और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर तेजी
यूपी – गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल ने प्राधिकरण सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि गाजियाबाद, जो दिल्ली सीमा से लगा उत्तर प्रदेश का मुख्य प्रवेश द्वार है, आने वाले समय में बड़े बदलावों का साक्षी बनने जा रहा है। प्राधिकरण का मुख्य फोकस मजबूत लैंड बैंक तैयार करने पर है, जिसके तहत नई हरनंदीपुरम योजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

इस योजना के लिए लगभग 501 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण प्रस्तावित है। पहले चरण में 336 हेक्टेयर भूमि क्रय का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 35 हेक्टेयर का बैनामा संपन्न हो चुका है तथा 85 हेक्टेयर पर किसानों की सहमति बन चुकी है। भूमि क्रय प्रक्रिया को गति देने के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। किसानों से संवाद सुगम बनाने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित वेबसाइट भी तैयार की गई है। उम्मीद है कि 100 से 120 हेक्टेयर भूमि के बैनामे जल्द पूरे होंगे।
प्रथम चरण का लेआउट और सैटेलाइट सर्वे अगले चार से पांच महीनों में पूरा कर कार्य जमीन पर शुरू कर दिया जाएगा।

नगर की यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु कम लागत में प्रभावी समाधान लागू किए जा रहे हैं। ठाकुरद्वारा तिराहा, हापुड़ चुंगी, मधुबन बापूधाम गोलचक्कर, प्रताप विहार डीपीएस चौक, अजनारा इंटिग्रिटी, आशियाना चौक और बुनकर मार्ट चौक का निरीक्षण कर जल्द व्यापक सुधार की तैयारी है। तीन स्थानों पर ओवरब्रिज निर्माण के प्रस्ताव शासन को भेजे जा चुके हैं, जबकि हापुड़ चुंगी पर ओवरब्रिज प्राधिकरण क्षेत्रीय अवस्थापना निधि से बनाया जाएगा।
राजनगर एक्सटेंशन में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को लेकर उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं और इसके निर्माण का रास्ता लगभग साफ माना जा रहा है।
कलाल ने बताया कि तुलसी निकेतन योजना के पुनर्विकास हेतु एनबीसीसी के साथ एमओयू हो चुका है और आवंटियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
प्रेस वार्ता में प्राधिकरण सचिव राजेश कुमार सिंह, मीडिया प्रवक्ता रुद्रेश शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।




