यूपी – गाजियाबाद 15 जून को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में स्वास्थ्य और योग विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कोरोना काल मे 409 वां वेबिनार था।
मुख्य वक्ता योगाचार्या अनिता रेलन ने कहा कि जीवेम शरदा शतम जब तक हम जीवित रहें हमारा जीवन स्वस्थ और सक्रिय रहे शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम् शरीर सभी धर्मों का पहला साधन है यदि शरीर ही नहीं रहा तो कर्तव्यों का निर्वाह कैसे?इसलिए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना अनिवार्य है। स्वास्थ्य काफी हद तक हमारे आहार और विहार की शुद्धता पर निर्भर करता है। आहार यानी खानपान विहार यानी पर्यावरण
अच्छा स्वास्थ्य मात्र कामना करने से नहीं मिलता जिस प्रकार स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है उसी प्रकार स्वस्थ्य अंतःकरण ही स्वस्थ शरीर का निर्माण करता है। योग यानी शरीर और आत्मा को एक सूत्र में जोड़ना योग से जुड़ने पर हम अस्थमा शारीरिक असंतुलन अनिद्रा पीठ व कमर दर्द इसी तरीके से डिप्रेशन उच्च रक्तचाप पर हम नियंत्रण पा पाएं, योगाभ्यास शारीरिक मानसिक शक्ति सीरियल का लचीलापन व संतुलन बनाए रखने में विशेष लाभकारी है। पूरी दिनचर्या में योग को दिया मात्र आधा घंटा भी संजीवनी बूटी के समान है। शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि, रिश्तो में मिठास व परोपकार की भावना बलवती होती है योग से। नियमित योग दवाओं का विकल्प है प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है शरीर के अवयवों को क्रियाशील बनाता शरीर मस्तिष्क तथा आत्मा के मध्य संपर्क को नियमित करता है। अपने लिए समय निकालें अपने को अपने ही स्वरूप में स्वीकार है अपने को स्वस्थ रखें संतुलित एवं पौष्टिक आहार करें अपना आचार, विचार, व्यवहार अपने आध्यात्मिक पर्यावरण को शुद्ध रखें नियमित योग करें प्राणायाम करें ध्यान करें देखे कितना हल्का फुल्का महसूस करेंगे हर रोज कुछ नया करें। उन्होंने सूक्ष्म क्रियाएं आसन, प्राणायाम, ध्यान धारणा समाधि के चरणों को विस्तार से बताते हुए सबको अपने को पहचानने के लिए अपने लिए समय निकालने के लिए विशेष ध्यान दिया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन करते हुए योग की महत्ता पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि योग आज की जिंदगी में आवश्यक है। योग सर्वांग सुन्दर बनाने की कला है। अध्यक्ष रजनी चुघ योगाचार्या ने विस्तार से योग और स्वास्थ्य की चर्चा करते हुए दैनिक जीवन में योग को समय देने का आह्वान किया।
इस दौरान गायक रविन्द्र गुप्ता, नरेन्द्र आर्य सुमन, रचना वर्मा, जवाहर भाटिया, जनक अरोड़ा, वीरेन्द्र आहुजा, प्रतिभा कटारिया, कमलेश चांदना, उषा सचदेवा, शोभा बत्रा, उमा मिगलानी, डॉ.सुदेश चुघ, कौशल्या अरोड़ा, आशा ढींगरा के मधुर भजन हुए।