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राजनगर रामलीला में हुआ कुम्भकरण का वध

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हनुमान जी द्रोण पर्वत से लाए संजीवनी बूटी

यूपी – गाजियाबाद श्री रामलीला समिति राजनगर की ओर से रामलीला मंचन के दौरान लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच संवाद तथा  रावण के भाई कुम्भकरण के वध का प्रसंग प्रस्तुत किया गया।

राम और रावण की सेना के बीच युद्ध के दौरान रावण के पुत्र इन्द्रजीत उर्फ मेघनाथ के साथ लक्ष्मण का तीखा संवाद होता है। युद्ध में मेघनाथ लक्ष्मण को शक्ति मार कर मूर्छित कर देता हैं। तब राम अपने भाई के लिए विलाप कर रहे हैं कि भाई के बिना कैसे अयोध्या लौट पाएगें।

उनके प्राण बचाने के लिए लंका के वैद्य को हनुमान जी उठा कर राम के शिविर में ले आते हैं। वह बताते है इसका इलाज केवल संजीवनी बूटी से ही सम्भव है। इस समय उनके पास यह बूटी नहीं है। यह बूटी केवल द्रोण पर्वत पर ही मिलेगी जिसे सुबह से पहले लाना होगा। वैद्य की सलाह पर हनुमान जी श्री राम से आज्ञा लेकर हिमालय पर्वत पर जाते हैं। सुबह होने से पहले पर्वत सहित संजीवनी बूटी को लेकर आते हैं। जिससे राम के शिविर में खुशी का माहौल हैं।

हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने के बाद लक्ष्मण को पुनः जीवनदान मिलने से रावण हैरान परेशान है। क्यों कि वह जानता है कि शक्ति का उपचार केवल वैद्य सुषेण को ही पता था। तब क्रोध में वह अपने भाई कुम्भकरण को नींद से जगाने का आदेश देता हैं। कुम्भकरण को नींद से जगाने के लिए बहुत प्रयास किए जाते हैं, ढ़ोल नगाड़े बजाए जाते हैं खाने पीने की तरह तरह की सुगंध से उसे जगाने का प्रयास किया गया, तब कहीं जाकर वह जागा। तब रावण उसे राम तथा सीता का सारा वृतांत सुनाता है। रावण के कहने पर वह युद्ध के मैदान में जाता है और राम लक्ष्मण से युद्ध करता है। युद्ध के दौरान कुम्भकरण मारा जाता हैं।

अपने  भाई की मृत्यु के समाचार से व्यथित रावण अपने पुत्र इन्द्र जीत अर्थात् मेघनाथ को युद्ध में लड़ने के लिए भेजता है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शहर विधायक संजीव शर्मा तथा एसीपी केशव कुमार चौधरी ने सभी को नवरात्र तथा दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दीं। श्री शर्मा के साथ महिम गुप्ता, अजय चोपड़ा तथा अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। समिति की ओर से अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट तथा अन्य सभी को पटका पहना कर सम्मान किया गया। चार्टेड एकाउंटेंट कौंसिल के सेन्ट्रल काउन्सिल मेम्बर जीसी मिश्रा का स्वागत भी किया गया।

इस मौके पर समिति के संस्थापक एवं संरक्षक जितेन्द्र यादव तथा नरेश सिंघल, मुख्य संयोजक राकेश मिश्रा, अध्यक्ष जयकुमार गुप्ता, महामंत्री दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष आर के शर्मा,  मेला प्रबंधक एस एन अग्रवाल, स्वागताध्यक्ष योगेश गोयल, मुख्य सलाहकार अनिल कुमार क्वालिटी स्टील वाले, राजीव मोहन गुप्ता, आर एन पाण्डेय, ब्रजमोहन सिंघल, राधेश्याम सिंघल, सुभाष शर्मा, आलोक मित्तल, अमरीश त्यागी, राजीव  त्यागी, नीरज सिंघल, ओम दत्त कौशिक, जी.पी. अग्रवाल, सुन्दर लाल यादव, मुकेश मित्तल, विनोद गोयल, राजीव गुप्ता, प्रचार मंत्री  सौरभ गर्ग, दिनेश शर्मा, मोतीलाल गर्ग, देवेन्द्र गर्ग, मनीष  वशिष्ठ, मदन लाल हरित, डीके गोयल, दीपक सिंघल, गोल्डी सहगल, ओमप्रकाश पोपली भोला, विजय लुम्बा, पंकज भारद्वाज, जेपी  राणा, उषा गुप्ता, मंजू त्यागी, रेशमा मित्तल, प्रीति मित्तल सहित राजनगर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।