हनुमान जी की पूंछ में लगाई आग तो जला डाली सारी लंका
यूपी – गाजियाबाद श्री रामलीला समिति, राजनगर में अपने प्रभु राम के आदेश पर सीता जी की खोज करते हुए हनुमान जी समुद्र पार करके लंका पहुॅचते हैं। उनका पता लगाते लगाते वह अशोक वाटिका में पहुॅच कर माता सीता के आगे प्रभु राम की मुद्रिका गिराते हैं। लंका में उनकी भेंट राम भक्त विभीषण से होती है। रावण के दरबार में हनुमानजी का तीखा संवाद रावण के पुत्र अक्षय कुमार तथा रावण से होता है। रावण क्रोधित होकर हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है। दरबारियों के द्वारा जब उनकी पूंछ में आग लगाई जाती हैं तो लंका में ही आग लगाकर भाग आते हैं।

मंचन के दौरान श्री राम के द्वारा हनुमान जी को माता सीता का पता लगानें के लंका लिए भेजा जाता हैं। वह कई बाधाओं को पार करके जब लंका पहुॅचते हैं तो सबसे पहले लंकिनी फिर दूसरे राक्षस उनका रास्ता रोकते हैं। इसी दौरान विभीषण के भवन पर उनकी नजर पहुॅचती है जिस पर राम नाम लिखा है और तुलसी के पौधे लगे हैं। विभीषण से मिलकर वह अपने आने का उद्देश्य बताते हैं ओर उनसे अशोक वाटिका का पता मिलने पर वहां जाते हैं। सीता माता को प्रभु राम की मुद्रिका देते हैं और फिर भूख लगने पर सीता जी से अनुमति लेकर खूब फल खाते हैं और वाटिका को उजाड़ देते हैं। जानकारी मिलने पर रावण दण्ड देता है। उनकी पूंछ में आग लगा दी जाती हैं। जिससें वह पूरी लंका को जला कर भस्म कर देते हैं।
इस मौके पर समिति के संस्थापक एवं संरक्षक जितेन्द्र यादव तथा नरेश सिंघल, मुख्य संयोजक राकेश मिश्रा, अध्यक्ष जयकुमार गुप्ता, महामंत्री दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष आर के शर्मा, मेला प्रबंधक एस एन अग्रवाल, स्वागताध्यक्ष योगेश गोयल, मुख्य सलाहकार अनिल कुमार क्वालिटी स्टील वाले, राजीव मोहन गुप्ता, आर एन पाण्डेय, ब्रजमोहन सिंघल, राधेश्याम सिंघल, सुभाष शर्मा, आलोक मित्तल, अमरीश त्यागी, राजीव त्यागी, जी.पी. अग्रवाल, सुन्दर लाल यादव, मुकेश मित्तल, विनोद गोयल, राजीव गुप्ता, प्रचार मंत्री सौरभ गर्ग, दिनेश शर्मा, मोतीलाल गर्ग, देवेन्द्र गर्ग, मनीष वशिष्ठ, मदन लाल हरित, डीके गोयल, दीपक सिंघल, गोल्डी सहगल, ओमप्रकाश पोपली भोला, विजय लुम्बा, पंकज भारद्वाज, जेपी राणा, उषा गुप्ता, मंजू त्यागी, रेशमा मित्तल, प्रीति मित्तल सहित राजनगर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।