Screenshot_20221103-203604_YouTube
IMG-20230215-WA0382
a12
IMG-20230329-WA0101
IMG-20250913-WA0011
PlayPause
previous arrow
next arrow

श्री राम को वनवास जाने के बाद पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे प्राण

Share on facebook
Share on whatsapp
Share on twitter
Share on google
Share on linkedin

यूपी – गाजियाबाद श्री आदर्श धार्मिक रामलीला कमेटी संजय नगर के तत्वावधान में चल रहे रामलीला मंचन कार्यक्रम में शनिवार को भगवान श्रीराम, लक्ष्मण एवं माता जानकी सहित वन गमन तथा मंत्री सुमन्त का श्रीराम से वापस अध्योध्या लौटने के अलावा राजा दशरथ मरण की लीला का सुन्दर एवं मार्मिक मंचन किया गया।

रामलीला में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण एवं माता जानकी को साथ लेकर वन जाने के लिए चल दिए। राजा दशरथ ने मंत्री सुमन्त को प्रभु श्रीराम के पास भेजा तथा कहा की वे श्रीराम राम को वनों में घुमाकर वापस ले आये। मंत्री सुमन्त ने उनसे वापस लौटने का अनुराग किया लेकिन श्रीराम सुमन्त को जंगल में सोती हुई अवस्था में ही छोड़ कर जंगलों में चले गये। जंगल में निषादराज ने उनका स्वागत किया तथा उनके स्वागत सत्कार के बाद विश्राम के लिए कहा लेकिन प्रभु श्रीराम कहते है कि उन्हें गंगा तट पर पहुंचना है।

निषादराज के साथ श्रीराम गंगा तट पर पहुंचे तो वहां केवट ने अपने परिजनों के साथ उनका स्वागत किया तथा गंगा से पार पहुंचाने से पूर्व उनके चरण पखारकर तथा परिजनों को वह चरणामृत पिलाकर उन्हें गंगा पार उतारा। भगवान श्रीराम ने नाव उतराई के किराये के रूप में मुद्रिका देनी चाही तो केवट ने कहा कि प्रभु हम दोनों का कार्य एक ही है। मैं गंगा से पार कराता हूँ और आप भवसागर से पार कराते हैं इसलिए मुझे अपना आशीर्वाद दें। उधर श्रीराम के वन गमन के पश्चात राजा दशरथ पूरी तरह से व्याकुल हो गए तथा वे अपनी युवा अवस्था के संबंध में सोचते है कि किस तरह उन्होंने एक जानवर के धोखे में श्रवण नामक युवक को अपने तीर से मार डाला था। श्रवण के अंधे माता-पिता ने राजा दशरथ को श्राप दिया था कि जिस तरह हम पुत्र वियोग में तड़पकर प्राण त्याग रहे है उसी प्रकार तुम भी चार बेटे होने के बावजूद उनकी गैर मौजूदगी में ही तुम्हारा प्राणान्त होगा। अतः उनकी बातों को याद करके राजा दशरथ विलाप करते हुए प्रभु के धाम को चले जाते है।
 
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामलीला कमेटी के संयोजक उमेश पप्पू नागर, ठा० अनुज राघव, हरेंद्र यादव, प्रदीप चौधरी, कपिल वशिष्ठ, मोनू त्यागी एवं सभी स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।